शाजापुर। विकासखण्ड शाजापुर के गांव मीरपुरा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत डामरीकृत मार्ग से गांव की तस्वीर बदल गई है। साथ ही इस डामरीकृत मार्ग से इस क्षेत्र के अन्य ग्रामों को विकास की नई राह मिली है। किसान खुश है कि उपज ठीक समय पर मण्डी पहुँच जाती है। बीमार व्यक्ति को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जाता है, जिला अस्पताल ले जाना अब बहुत आसान हुआ है। जननी एक्सप्रेस अब ग्राम में आसानी से उपलब्ध है। कई ग्रामीणों के पास अब दो पहिया ही नहीं, चार पहिया वाहन भी है। ग्राम के छात्र/छात्राए अध्यापन हेतु रोजाना साइकिल से आते जाते है। आवागमन अब कोई समस्या नहीं रही। अब बरसात का मौसम भी डर या चिंता भी नही रही।
सड़क बनने के बाद आसपास के सभी ग्रामों में जमीन के भाव में खासी वृद्धि हुई है। ग्रामों के मिस्त्री, कारीगर, बढ़ाई आदि जो पहले ग्रामों में वर्षाकाल में बेरोजगार रहते थे, रोजगार के लिये शहर आने लगे है, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है एवं उनका जीवन स्तर भी सुधरा है।
ग्रामीणजन बताते है कि डामरीकृत मार्ग नहीं बनने के कारण ग्राीमीणों का जीवन अत्यंत ही कष्ट दायक था। ग्राम खेरखेड़ी से ग्राम मीरपुरा तक लंबाई 1.43 किमी. तक के मार्ग के मध्य में लखुंदर नदी पड़ती है, जिस पर बरसात में रास्ता बंद रहता था। वर्षा ऋतु में बीमार व्यक्ति को खटिया पर लेटाकर नदी को पार करना होता था। कई बार ग्रामीण जन नदी में बह जाते थे। गॉव का रास्ता इतना उबड़-खाबड़ ओर पथरीला था, कि ट्रेक्टर की सवारी तो क्या बेलगाड़ी की सवारी तक कठिन थी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत उक्त गॉव को वर्ष 2018-19 में 1.45 किमी. लंबाई एवं लागत रुपये 93.64 लाख की पक्की सड़क एवं पैकेज क्रमांक एमपी 39 बी 17 वृहद पुल लागत रुपये 443.49 लाख की स्वीकृति प्राप्त होकर वर्ष 2019 में निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है।
ग्रामीणजन बताते है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क ने ग्रामीणों की जीवन शैली ही बदल दी है। वे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित सड़क के लिये प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते है।
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