गरोठ। रास्ते की समस्याओं को लेकर किसान पर दबाव प्रशासन व नेताओं का अधिक दबाव से किसान की तबीयत बिगड़ी कहा कि ज्यादा दबाव आने पर पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लूंगा। नगर में राजगढ़ डैम बनने से कहीं समस्याएं पैदा हो चुकी है, मुक्तिधाम के पीछे वाली पुलिया पर पानी भरने से 500 से अधिक किसानों का खेत पर जाने का रास्ता बंद हुआ है जिसके कारण यह समस्याएं बनी है। किसान पन्नालाल पिता पुरालाल पाटीदार उम्र 85 वर्ष निवासी पाटीदार मोहल्ला द्वारा बताया कि शासन एवं जनप्रतिनिधि द्वारा जबरदस्ती मेरे निजी खेत में सर्वे क्रमांक 441 व 444 में रास्ता निकालने के लिए परेशान किया जा रहा है, इस विषय को लेकर पिछले 20 दिनों से मैं काफी मानसिक तनाव में आ चुका हूं। प्रतिदिन एसडीएम रविंद्र नगर, तहसीलदार गिरी सूर्यवंशी और विधायक देवीलाल धाकड़ के निकट के लोग आज भाजपा के पदाधिकारी व यहां के नेता मुझे बुला बुलाकर धमकाते हैं।
किसान ने बताया कि मेने यह रास्ता मानवता के नाम पर एक वैकल्पिक रास्ता दिया था। कुछ स्थानीय नेता व प्रशासन के लोग दबाव बना रहै है। 20 दिनो से मेरा परिवार अस्त व्सत है। ज्यादा दबाव बनाया तो मैं अपने परिवार सहित आत्महत्या कर लूंगा और मेरे उपर अनेक धाराए लगाकर मुझे फंसाने की धमकी दे रहे है। मेरे परिवार का पालन पोषण इसी कृषि भुमि से होता है। परेशान होकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई है। अपनी गलती का ठीकरा अधिकारी एक किसान पर फोड़ रहे हैं। जबकि 2 वर्ष तक यह अधिकारी कुंभकरण की नींद में क्यों सोए थे। अब जब पानी सर पर आ गया है तब एक गरीब मजबूर किसान जिसकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है उसको डरा धमकाकर वहां रास्ता लेना चाहते हैं जो सरासर न्यायोचित नहीं है क्योंकि किसी भी किसान से उसकी भूमि अगर ली जाती है तो उसका उचित मुआवजा देने के बाद ही ली जाती है। किसान का 2 साल का मुआवजा पहले भी बकाया पड़ा हुआ है और अब जब किसान आंदोलित हैं रास्ते के लिए तो वैकल्पिक मार्ग के लिए पन्नालाल पाटीदार को खेत की जमीन को लेकर अधिकारियों की काग दृष्टि लगी हुई है अगर ज्यादा दबाव में किसान या उसके परिवार को कुछ हो जाता है तो किसान ने इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख दिया है अब देखना है कि सरकार के कार्य प्रशासन के अधिकारी किस तरह से इस समस्या का हल करते हैं।