खरगोन। गायत्री प्रज्ञा संस्थान में तहसील स्तरीय कन्या कौशल शिविर का आयोजन हुआ। इसमें तहसील क्षेत्र की 400 से अधिक बच्चियों ने भागीदारी की। कार्यक्रम की शुरुआत गायत्री परिवार कसरावद की बहनों द्वारा सुमधुर संगीत से हुई। सर्वप्रथम माधुरी मुकाती ने स्वागत भाषण के माध्यम से कार्यक्रम का उद्देश्य प्रस्तुत किया। तत्पश्चात प्रभा पाटीदार ने उपस्थित कन्याओं को जीवन में सफलता हेतु ध्यान, साधना का महत्व बताया।
कन्या कौशल शिविर की मुख्य वक्ता सिरसौद (खंडवा) की सुश्री पूर्णिमा पवांर ने नए युग के निर्माण में बेटियों की भूमिका विषय पर विशिष्ट मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि नारी ही लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा का रूप है। इसलिए उन्होंने उपस्थित कन्याओं से चरित्रवान बनने की बात कही। उन्होंने कन्याओं से कहा कि आप सबसे पहले अपने चरित्र की रक्षा करें क्योंकि चरित्र ही नारी का असली गहना है। उन्होंने कहा कि 14 से 16 वर्ष की उम्र काफी भटकाव की होती है। इसलिए उन्होंने बेटियों को अश्लील प्रदर्शन से बचने और अपना श्रृंगार एवं परिधान सादगीपूर्ण रखने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि सुबह सूर्योदय से पहले उठकर गायत्री साधना करने वाली बेटियां कभी जीवन में असफल नहीं हो सकती। इसके साथ ही उन्होंने बेटियों को मोबाइल फोन का सीमित उपयोग करने, पालीथीन का बहिष्कार करने, थाली में जूठन न छोड़ने, स्वच्छता को अपनाने और अपने अपने जन्मदिन पर पेड़- पौधे लगाने का संदेश भी दिया।