चित्तौड़गढ़। कल्याण महाकुंभ के चतुर्थ दिवस शनिवार को कल्याण नगरी के राजाधिराज ठाकुर श्रीकल्लाजी का सतरंगी पुष्पों की मनोहारी झांकी के बीच ठाकुरजी सहित पंचदेवों का भीषण गर्मी को देखते हुए चंदन से लेप किया गया। श्रृंगार इतना आलौकिक रहा कि हर कोई कल्याण भक्त अपने आराध्य के इस अनुपम स्वरूप को देखकर भक्त और भगवान को एकाकार करने का प्रयास करते नजर आए। कई रंगों से युक्त चंदन लेप के साथ किया श्रृंगार व रत्न जड़ित मुकुट व कुंडल देखते ही बनते थे। इस मौके पर ठाकुरजी को पारंपरिक खाद्य सामग्री को मिट्टी के पात्रों में छप्पन भोग के रूप में अर्पित किया गया। इसके साथ ही परंपरागत भोजन सामग्री तैयार करने के सभी संसाधन भी झांकी में दर्शकों का मन मोह रहे थे।
राम और राष्ट्र भक्ति को समर्पित रहा रामार्चन कवि सम्मेलन-
कल्याण महाकुंभ के तृतीय दिवस रात्रि में श्री राम कथा मंडप में आयोजित रामार्चन कवि सम्मेलन राम और राष्ट्र भक्ति के नाम समर्पित रहा। यह कवि सम्मेलन उस समय परवान चढ़ गया जब कवि सम्मेलन में कोटा के सैनिक कवि नरेश निर्भीक ने काव्य पाठ करते हुए कहा कि भारत पर होने वाले हर हमले को रोक दिया परमाणु बम वाले देश को घर में घुसकर ठोक दिया। दुश्मन की सेनाएं हमसे हर हालत में हारेंगी। भारत की ब्रह्मोस पिनाका ढूंढ ढूंढकर मारेंगी। इन पंक्तियों ने सभी श्रोताओं को जोश से भर दिया। कल्याण नगरी के कवि विनोद सोनी ने कहा कि हकीकत का हैं ख्वाबों का शहर नहीं हैं, तलवारों का हैं गुलाबों का शहर नहीं हैं धर्म और अध्यात्म पहचान है इसकी ये कल्याण की नगरी हैं नवाबों का शहर नहीं। कल्याण नगरी जया धनगर ने कहा कि कल्ला ने कहा कृ मैं लौटूँगा, ये वचन हैं तुझसे तेरी मांग सजेगी मेरी ही विजयनन से। जब तक मेवाड़ पर संकट हैं, चौन कैसे पाऊँ, क्षत्रिय धर्म निभाकर, फिर सात फेरे पर आऊ सहित अन्य क्षेत्रों से आए कवियों ने अपने ही अंदाज में राम भक्ति के साथ वीर रस से ओतप्रोत कविताओं का पाठ किया।
लखदातार इवेंट्स एंड क्रिएशन की भजन संध्या आज-
रविवार को रात्रि में श्री श्याम एवं श्री कल्याण संकीर्तन के नाम भजन संध्या में भजन गायक रतलाम के जीतू धोरा, चित्तौडगढ़ के भावेश कुमावत, जावद की बाल विदुषी हिमांशी और कल्याणनगरी के अखिलेश ठाकुर अपने सुरो से भगवान और भक्त को झिजायंगे।
आज श्रीराम महायज्ञ में 500 युगल देंगे आहूतियां-
श्रीराम महायज्ञ के तृतीय दिवस रविवार को प्रातरू हेमान्द्री स्नान के पश्चात लगभग 500 युगल जोड़े पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ स्थापित देवताओं के साथ ही ठाकुर श्री कल्लाजी, ब्राह्माण्ड के विभिन्न देवी देवताओं एवं परजन्य के नाम शाकल्य एवं गो घृत से आहूतियां देकर सर्वत्र खुशहाली एवं अच्छी वर्षा की कामना करेंगे। इसी कड़ी में शनिवार को लगभग 150 यजमान जोड़ों के साथ ही वीर-वीरांगनाओं एवं बटुकों द्वारा 11 कुण्डीय महायज्ञ में आहूतियां देकर स्वयं को धन्य किया।
ठाकुरजी का किया महारूद्राभिषेक-
वेदपीठ पर विराजित कल्याण नगरी के राजाधिराज ठाकुर श्री कल्लाजी सहित पंचदेवों का शनिवार को मंगला दर्शन के साथ ही 21 द्रव्यों से महारूद्राभिषेक कर मनभावन श्रृंगार किया गया। प्राकृतिक फूलों की झांकी के बीच ध्वज सूखी सामग्री के छप्पनभोग की झांकी ने भक्तों का मन मोह लिया।