चीताखेड़ा। बुधवार को श्री मुनि सुब्रत स्वामी जिनालय स्थित आराधना भवन में विराजमान सागर समुदाय वर्तनी परम पूज्य साध्वी श्री इन्दु श्री जी म.सा. की सुशिष्या परम पूज्य साध्वीवर्या श्री सौम्यायशा श्री जी म.सा. की पावन निश्रा में नवरत्न हेम भव्य जैन पाठशाला द्वारा भाषण प्रतियोगिता (स्पीच कंपटीशन) का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कुल 15 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का विषय “जैन धर्म एवं जीव दया” रहा, जिस पर सभी प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किए। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों की प्रस्तुति का मूल्यांकन पाठशाला के गुरुजी श्री प्रिंस जैन द्वारा किया गया।
प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार स्वरूप सम्मान श्रीमती नीतू बेन एवं श्री अमित गोदावत की ओर से प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन भी गुरुजी श्री प्रिंस जैन ने किया। अंत में साध्वीवर्या श्री सौम्यायशा श्री जी म.सा. ने जैन धर्म एवं जीव दया विषय पर प्रेरणास्पद प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि “हमें गर्व होना चाहिए कि हमने जैन धर्म में जन्म लिया है। जैन धर्म के मूल सिद्धांत ‘अहिंसा परमो धर्म’ का पालन करते हुए न केवल दृश्यमान, बल्कि सूक्ष्म और अदृश्य जीवों की भी दया करनी चाहिए।”
साध्वीश्री ने बच्चों को सरल भाषा में जीवन में जैन सिद्धांतों के पालन की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में पाठशाला के सभी विद्यार्थी, अभिभावक एवं समाज के अनेक श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।