चित्तौड़गढ़। तकनीक के इस दौर में एआई जितना महत्वपूर्ण हो गया है उतना ही महत्वपूर्ण मानव जीवन में एआर भी हो गया है। आज हर व्यक्ति अपने आशियाने को लेकर अपने कुछ सपने संजोता है और सपनों के इस महल को साकार करने में आर्किटेक्ट का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जब कोई छोटी उम्र में ही इस क्षेत्र में कदम रख दे तो उसके उज्जवल भविष्य को लेकर शायद ही सोचने का कोई कारण बने। कुछ ऐसा ही कमाल चित्तौड़ जैसे छोटे शहर के एक लाल ने किया है जिसे एआर के क्षेत्र में कदम रखने वाला राजस्थान का सबसे युवा होने का सौभाग्य मिला है।
शहर के कुम्भानगर निवासी पत्रकार विवेक वैष्णव के सुपुत्र क्षितिजराज वैष्णव ने मात्र 22 वर्ष की उम्र में ही एआर यानि आर्किटेक्ट की दुनिया में कदम रखते हुए राजस्थान के सबसे युवा आर्किटेक्ट का सौभाग्य प्राप्त किया है। क्षितिजराज ने हाल ही में बीआर्क कम्प्लीट किया है। विगत पांच वर्षाे से जयपुर में बीआर्क की पढ़ाई कर रहे क्षितिजराज अपने साथियों तथा कॉलेज प्रशासन के हमेशा चहेते रहे है। दो वर्ष पूर्व क्षितिजराज ने अपने टीम के साथ जयपुर परकोटे बाजार को लेकर यूनेस्को की टीम के समक्ष अपना प्रेजेन्टेशन दिया था जिसे लेकर यूनेस्को टीम के साथ ही कौंसिल ऑफ आर्किटेक्ट (इंडिया) ने भी पूरी टीम की प्रशंसा की थी।
क्षितिजराज ने अपने इंजिनियर पितामह जी.एल. वैष्णव की प्रेरणा से वर्ष 2018 में ही सैकण्डरी एग्जाम के दौरान ही अपनी दिशा तय कर दी थी। वर्ष 2020 में सीनियर सैकण्डरी एग्जाम के साथ ही जेईई व नेशनल एप्टीट्यूट टेस्ट इन आर्किटेक्ट (नाटा) क्लियर करते हुए प्रतिष्ठित कॉलेजों में शुमार जयपुर के आयोजन स्कूल ऑफ आर्किटेक्ट में प्रवेश लिया था। क्षितिज अपनी सादगी एवं व्यवहार के चलते अपने सहपाठियों के साथ कॉलेज प्रशासन में भी लोकप्रिय रहे। राजस्थान के सबसे युवा आर्किटेक्ट के रूप में मिली इस सौगात को क्षितिजराज ने अपने पितामह को समर्पित की है। क्षितिज के पितामह स्वर्गीय जी एल वैष्णव अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से अधिशाषी अभियंता से रिटायर्ड हुए थे।