उज्जैन। आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस बार का पर्व कई विशेष संयोगों के साथ आ रहा है। गुरुवार को पूर्णिमा तिथि का योग बन रहा है। साथ ही ग्रह गोचर में गुरु-आदित्य योग भी है।
चंद्रमा धनु राशि में गोचर करेगा, जिसके स्वामी बृहस्पति हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला के अनुसार, यह पूर्णिमा धर्म और अध्यात्म को विशेष गति प्रदान करने वाली है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। दीक्षा के बिना आध्यात्मिक गति नहीं मिलती।
इस दिन गुरु दीक्षा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन ली गई शिक्षा-दीक्षा आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है। शहर के धर्म स्थलों, शैक्षणिक संस्थानों और घरों में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मालवा की लोक परंपरा में इस दिन भैरव पूर्णिमा का भी विशेष महत्व है। कुल परंपरा के अनुसार भैरव पूजन किया जाता है। आषाढ़ मास को भगवान भैरव की आराधना का माह माना जाता है। अवंतिका तीर्थ पर अष्ट महा भैरव की यात्रा और दर्शन का भी विशेष महत्व है।