गरोठ। गरोठ तहसील के ग्राम कोटडाबुजुर्ग में स्थित हजारों साल पुराना कल्पवृक्ष शिव-पार्वती के प्रतीक रूप में पूजनीय है। श्रावण मास में इस पवित्र वृक्ष की विशेष पूजा होती है, जिसमें दूर-दराज़ से श्रद्धालु दर्शन हेतु पहुंचते हैं।
कल्पवृक्ष पर हाथी, घोड़े, शेर, बकरी जैसे पशुओं के पैरों के निशान देखे जा सकते हैं, जो इसे और भी चमत्कारिक बनाते हैं। श्रावण के पहले सोमवार को सुबह चार बजे से पूजा-अर्चना शुरू हुई, जो पूरे दिन चली।
यहां पूरे माह रामायण पाठ, महामृत्युंजय मंत्र जाप, महाभिषेक और महाआरती के आयोजन हो रहे हैं। नन्हीं बालिकाएं भी पूजा में भाग ले रही हैं। श्रद्धालु मन्नतें लेकर शिव-पार्वती की प्रतिमा के समक्ष दर्शन करते हैं।
यह वृक्ष न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर भी है।