जावद। विधानसभा में यूं तो पर्यटन की दृष्टि से अपार सम्भावना हैं। प्राकृतिक रूप से सक्षम यह क्षेत्र राजनीतिक उदासीनता का शिकार हैं, सुखानंदजी, मोड़ी माताजी, बसदेवी, मालादेवी, सुलाबावजी जैसे धार्मिक महत्व के क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाए तो यह क्षेत्र मे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आमजन की आस्था के साथ न्याय भी होगा।
कांग्रेस नेता रांका ने क्षेत्र के पर्यटन विकास को आगे बढ़ाने के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि कामाकीरता झील क्षेत्र को पर्यटन की द्रष्टि से डेवलपमेंट किया जाए तो क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
कामाकीरता है कहा-
जावद विधानसभा के दौलतपुरा ग्राम पंचायत अंतर्गत यह झील क्षेत्र आता हैं। जावद से इसकी दूरी 35 किमी तो जाट से मात्र 10 किमी हैं। यहाँ से अंतरराज्यीय सीमा भी नज़दीक है। बर्फीली हवाओ से बचने के लिये हर वर्ष लाखों साइबेरियन पक्षियों की कई प्रजातियां भारत आती है और सर्दी का मौसम खत्म होने के बाद पुनः लोट जाते हैं। कांग्रेस नेता रांका ने बताया कि वन्य प्राणियों से जुड़े एक्सपर्ट से जब कामाकीरता के फ़ोटो दिखाए तो उन्होंने बताया कि इन प्रवासी पक्षीयो के लिए मालवा का मौसम अनुकूल हैं। कामाकीरता पर साइबेरियन सारस की जो प्रजातियां देखी जा रही हैं यह अपने आप में विशेष है।
रांका ने सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार क्षेत्र को डेवलप नहीं कर पाई भाजपा सरकार की सोच विकास की नहीं हैं।