भोपाल। बगैर कोई सूचना दिए माय एसोसिएट के ड्राइवर-कंडक्टर्स ने सोमवार को अचानक हड़ताल कर दी। इससे राजधानी के 10 बड़े रूट पर चलने वाली 149 बसों को बागसेवनिया डिपो से निकाला ही नहीं गया। इन बसों से रोजाना 50 हजार यात्री सफर करते हैं, जिन्हें अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेना पड़ा। ड्राइवर-कंडक्टर्स अपनी तनख्वाह और ओवरटाइम समय पर न मिलने से नाराज थे। नाराज कर्मचारी बागसेवनिया थाने के सामने होशंगाबाद रोड पर इकट्ठा हो गए और हमारी मांगें पूरी करो...के नारे लगाने लगे। उन्होंने लेबर कोर्ट में भी शिकायत की, जहां बीसीएलएल और माय एसोसिएट्स के संचालकों ने वाजिब मांगें मानने का भरोसा दिलाया।
ये बसें बागसेवनिया डिपो से रोजाना शहर के अलग-अलग रूट्स पर संचालित की जाती हैं। सोमवार सुबह जब बसें रूट्स पर रवाना नहीं हुईं तो प्रबंधन हरकत में आया। पता चला कि बगैर सूचना के सभी ड्राइवर-कंडक्टर्स ने हड़ताल कर दी है। इसके बाद प्रबंधन ने उन्हें समझाने की कोशिशें शुरू कीं, लेकिन तब तक सभी होशंगाबाद रोड पर इकट्ठा हो चुके थे। नारेबाजी करते हुए कर्मचारी लेबर कोर्ट भी पहुंचे और समय पर सैलरी और ओवर टाइम न मिलने की शिकायत की। कोर्ट ने बीसीएलएल और माय एसोसिएट को तलब किया। यहां प्रबंधन ने कर्मचारियों की वाजिब मांगें मानने का भरोसा दिलाया है।
गांधीनगर से अयोध्या नगर, ईदगाह हिल्स से एम्स, भौंरी से मंडीदीप, कोकता से लालघाटी, पुतली घर से सीआरपीएफ कैंपस बंगरसिया, नारियल खेड़ा से एलएनसीटी कॉलेज, नेहरू नगर से कृष्णा हाइट्स, आकृति ईकोसिटी से चिरायु अस्पताल, मिसरोद से एयरपोर्ट।
यह है कारण - बीसीएलएल ने नहीं दिए 2.5 करोड़ रुपए माय एसोसिएट संचालक अतुल जैन ने बताया कि बीसीएलएल ने बसें चलाने के एवज में करीब 3 महीने से भुगतान नहीं किया है। हमें बीसीएलएल से अभी करीब ढाई करोड़ रुपए लेने हैं। ऐसे में कई बार कर्मचारियों को समय पर वेतन बांटना मुश्किल हो जाता है। फिलहाल उन्हें ओवरटाइम का पेमेंट कर दिया गया है। मंगलवार से बसें संचालित होंगी। कर्मचारियों ने कैमरे से निगरानी बंद करने और चैकिंग स्टाफ न भेजने की मांग भी की है, जो नहीं मानी जा सकती।