कसरावद। गुरुवार को ईद-उज-अजहा (बकरीद) का त्यौहार पूरे अकीदत और ऐतराम के साथ मनाया गया। सुबह ईदगाह में विशेष नमाज अदा की गई। नमाज के बाद त्याग और समर्पण के प्रतीक स्वरूप कुर्बानियां दी गई। ईदगाह पर शहर काजी नईम अख्तर ने नमाज अदा कराने के बाद बकरीद का महत्व बताया। उन्होंने कहा ईद उल अजहा कुर्बानी और संयम का दिन है। इस्लामी कैलेंडर के अंतिम माह जिलहिज्जा की दसवीं तारीख को यह पर्व मनाया जाता है। ईद उल अजहा एकता का संदेश देता है एकता से बड़ी कोई दौलत नहीं है। बकरीद के नमाज पढ़कर समुदाय के लोगों ने अमन शांति एवं खुशहाली के साथ ही भाईचारे की दुआएं मांगी। एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी। पर्व को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह देखा गया। शहर सदर रहीश कुरैशी ने कहा कि ईद का पर्व अल्लाह की इबादत में सबकुछ कुर्बान करने की सिख देता है। इस पर्व पर विशेष नमाज में सभी की खुशहाली ओर देश मे खुशहाली अमनो अमान बना रहे ऐसी दुआ की गई। नमाज के बाद दिनभर दावतों का दौर चला। जिससे मुस्लिम बस्तियों में खासी चहल पहल रही।