भोपाल | मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन समेत अन्य मुद्दों पर कर्मचारी फिर से सड़क पर उतर रहे हैं। मंगलवार को पूरे प्रदेश में कुल 24 मांगों के समर्थन में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपे गए। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे।
मंगलवार को मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर ज्ञापन सौंपे गए। भोपाल में भी ज्ञापन सौंपा गया। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा करें। इसके चलते मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम आज सभी जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन दिए गए हैं।
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से दिया जाए।
पुरानी पेंशन बहाल हो।
वाहन भत्ता एवं मकान किराया भत्ता दिया जाए।
सातवें वेतनमान के अनुसार लिपिकों की ग्रेड पे में विसंगति दूर करें।
शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जाए।
वाहन चालकों की भर्ती टैक्सी प्रथा बंद करें।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पदनाम बदलने।
स्थाई कर्मियों को नियमित करने पदोन्नति पर लगी रोक हटाई जाए। आदि
ये कर्मचारी नेता रहे मौजूद
भोपाल में हुए ज्ञापन आंदोलन में कर्मचारी नेता भुवनेश पटेल, जितेंद्र सिंह, एलएन कैलासिया, एसएस रजक, एसबी सिंह, अशोक पांडे, अरविंद सावनेर, कैलाश सक्सेना, मोहन अय्यर, राजकुमार चंदेल, विजय मिश्रा, अशोक शर्मा आदि मौजूद थे।