जावद। दिव्यांग जनों को वृद्धजनों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए व उन्हें शासन की समुचित सहायता व योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत जिले की अग्रणी दिव्यांग जनों की संस्था दिव्यांग ज्योति सेवा संस्थान अध्यक्ष राम प्रकाश बलदवा जांगिड़ ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा सभी वर्गों की पेंशन बढ़ा दी गई है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री 20 साल पूरे होने के बाद भी आपने दिव्यांग जनों की पेंशन नहीं बढ़ाई है। जबकि यह तो समाज का सबसे वंचित वर्ग कहलाता है, जिसको सर्वोपरि से पहले प्राथमिकता मिलना थी। शासन की सहायता मिलना थी। लेकिन मामा आपने 20 साल में दिव्यांग जनों के प्रति सहानुभूति नहीं बताई, इस कारण दिव्यांगों में भारी आक्रोश है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन 600 से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रदान करने व स्वीकृत दिव्य पुनर्वास केंद्र भवन का निर्माण तत्काल प्रारंभ करने, सामाजिक न्याय विभाग से हटाकर दिव्यांगों के हित में दिव्यांग मंत्रालय का गठन करने, क्योंकि महाराष्ट्र, उड़ीसा सरकार दिव्यांगों के हित में अलग से दिव्यांग मंत्रालय का गठन कर चुकी है। इसलिए मध्यप्रदेश में भी दिव्याग मंत्रालय का गठन किया जावे। मानसिक रोग विकास प्राधिकरण का गठन करने, ताकि मानसिक रोगियों को समुचित सहायता मिल सके। राजस्थान सरकार मानसिक रोग विकास प्राधिकरण का गठन कर चुकी है।
अन्य कई मांगों को लेकर जिले के दिव्यांग जनों के सहयोग से रेड क्रॉस सोसाइटी दिव्यांग पुनर्वास केंद्र जिला चिकित्सालय नीमच पर सभी दिव्यांगजन एकत्रित होंगे। प्रातः 11 बजे शुक्रवार को जिले के दिव्यांग अपनी मांगों को लेकर एक रैली के रूप में फव्वारा चौक, कमल चौक, सीआरपीएफ चौराहा होते हुए शनि मंदिर होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन चेतावनी पत्र जिला कलेक्टर के नाम सौंपेंगे।
संस्था कोषाध्यक्ष राधा ग्वाला, उपाध्यक्ष दशरथ धनगर, जमना केवट, सचिव तुलसीराम मेघवाल, संयुक्त सचिव रितिका राजपूत, दीपक पांचाल, विनोद पाटीदार, नंदकिशोर मेघवाल, नरेंद्र संगीतला, रामनिवास धाकड़, सोनू भाई बैरागी, अकबर भाई, माधु राठौर, ईश्वर बागरी, आजाद खान आदि सदस्यों ने सभी जिले के दिव्यांग साथियों भाइयों बहनों वह बुजुर्गों से अनुरोध किया है कि वे अपने साथी दिव्यांग भाइयों के साथ अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर दिव्यांग जनों के हित में निकाली जा रही इस रैली में अपने वाहनों के साथ साथियों के साथ अधिक संख्या में पधार कर सफल बनाए।