गरोठ। जीर्ण शीर्ण मकानों को लेकर नगर परिषद गम्भीरता से नहीं ले रही है। वर्षा ऋतु के इस मौसम में जर्जर हो चुके मकानों से कभी भी गम्भीर घटना हो सकती है।
नगर परिषद के जिम्मेदारों को शायद बड़ी घटना का इंतजार है।
मंदसौर जिला प्रशासन के मुखिया दिलीप कुमार सिंह यादव ने जिले की बैठक में नगर पालिका नगर परिषद के अधिकारियों को जर्जर हो चुके मकानों को चिन्हित कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।
विगत दिनों नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 8 पोरवाल मोहल्ले में स्थित जर्जर जीर्ण शीर्ण हो चुके मकान को लेकर बद्रीलाल पिता हरिनारायण भगत ने नगर परिषद में अनेक शिकायते लिखित रूप से कर नगर परिषद को अवगत कराया कि यह मकान पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। चौबीस घंटे इस रास्ते से नागरिकों का आना-जाना लगा रहता है। आम रास्ते में होकर कभी भी गिर सकता है, जिससे बड़ी घटना हो सकती है। जीर्ण शीर्ण मकान को लेकर जनहित में भगत ने स्थानीय स्तर से लेकर ज़िले के अधिकारियों मुख्यमंत्री तक शिकायत की, लेकिन नगर परिषद ने कोई कार्रवाई नहीं की गई। भगत ने जनहित में नगर परिषद में लिखित रूप से नगर परिषद को आवेदन देकर विगत दिनों सार्वजनिक रूप से लाउडस्पीकर से जर्जर हो चुके मकान को लेकर ढिंढोरा पिटवा दिया। उसके बाद भी नगर परिषद ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। आखिर नगर परिषद की ऐसी क्या वजह है, कौन-सी मजबुरी है जो जर्जर जीर्ण शीर्ण मकान को लेकर कार्यवाही नहीं की जा रही है।
इनका कहना-
नगर में जर्जर जीर्ण शीर्ण अवस्था के मकानों का सर्वे कराया जावेगा।
वीरेंद्र कुमार मेहता मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर परिषद गरोठ।