भगवानपुरा। सोमवार को सोमवती अमावस्या के अवसर पर आदिवासी समाज द्वारा जिरोती का त्यौहार मनाया गया। बता दे कि इसी दिन से आदिवासी समुदाय के त्यौहार शुरू हो जाते है। भगवानपुरा में गांव काकड़ पर समाजजनों द्वारा काकड़ पूजा की गईं। जिसे आदिवासी भाषा में खेड़ा कहते है। यहां पर बरगद के पेड़ के नीचे बापदेव की पूजा अर्चना की जाती है। गांव पटेल मालसिंह चौधरी द्वारा ज्वार के आटे की खीर बनाकर सागवान के पत्ते में समाजजनों के यहां भिजवाई जाती है यह कार्य गांव वारती द्वारा किया जाता है। खीर को समाज के महिला पुरुष प्रसाद के रूप में खाते है। वही खीर खाने के बाद सागवान के पत्ते को समाजजन घर पर रस्सी से बांध दिया जाता है। जिरोती पर आदिवासी समुदाय के लोग मीठे व्यंजन बनाकर मनाते है। आपको बता दे कि हरियाली अमावस्या को आदिवासी समाज के लोग जिरोती के रूप में मनाते है। यह त्यौहार आदिवासी समाज के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। आसपास के ग्रामों में भी जीरोती का त्यौहार मनाया गया।