खरगोन | आदिवासी समाज के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी के द्वारा रैली के रूप में कसरावद तहसील कार्यालय पहुंचीं जहां तहसीलदार साहब को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री व ग्रहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि भारत भूमि की मूल मिट्टी की मूल उपज भील आदिवासी है पश्चिम भारत के इन इलाके में ईरानी ,यूनानी पार्थियन, शक ,कुषाण, हूण, अरब, तुर्क, मुगल विदेशियों के वंशज भी आकर बसे हैं जिससे भारत की मूल संस्कृति, सभ्यता , बोली, धर्म की अस्तित्व की रक्षार्थ भील संस्कृतिक भाषाई ऐतिहासिक क्षेत्र को जोड़कर भील प्रदेश का गठन होना चाहिए था मगर आजादी बाद नहीं हुआ और चार राज्यों में पूरा इलाका बांट दिया गया राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश की विधानसभाओं में भील प्रदेश राज्य प्रस्तावित पारित कर केंद्र सरकार को भिजवाया जाए व 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की गई। तथा कुछ दिन पहले नेमावर पदस्थ थाना प्रभारी टीआई राजाराम वास्कले जी को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिसमें जयस अध्यक्ष सचिन सिसोदिया , एडवोकेट लखन भावरे , सामाजिक कार्यकर्ता नितेश अजनारे , बामसेफ अध्यक्ष राजाराम खांडे, पदम सिंह जमरे आदि समाज जन उपस्थित थे।