चित्तौड़गढ़। ब्रह्मा कुमारी सेवा केंद्र प्रताप नगर पर पर श्रावण मास में अखंड राजयोग की तपस्या अमृत वेले से शुरू कर दी है। सेवा केंद्र संचालिका राजयोगिनी आशा दीदी ने बताया कि हमारे संस्कारों से संसार बनता है चाहे वह संसार मेरा घर हो चाहे वह संसार मेरा शहर हो यह सब हम अपने संसार में बनाते हैं। आज हम सभी अनुभव करते हैं कि दुनिया बदल नहीं चाहिए लेकिन हम इस दुनिया के अंदर क्या चाहिए हम शांति चाहते हैं खुशियां भी चाहते हैं। उन्होंने बताया कि जीवन में मेडिकेशन वह अहम हिस्सा है जिसे हम सहज अपने मन को शांत कर सकते हैं। हमारे पास समय नहीं है, संसार के लिए बहुत समय है लेकिन हमें खुद के लिए समय निकालने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य करने के पहले मन की स्थिति को तैयार करें और चेक करें कि इस कार्य को करने के लिए मन कितना तैयार है साथ ही कर्म में आत्मा संस्कार अर्थात ज्ञान गुण शांति प्रेम आनंद लाइए ताकि मानसिक शारीरिक आध्यात्मिक स्वास्थ्य बना रहे। दुनिया में उतार-चढ़ाव बहुत आते हैं जीवन में यदि हम स्वयं अंदर से हमारी आत्मा शक्ति सशक्त है मनोबल पावरफुल है तो हम छोटी मोटी बातों में उदास नहीं होते हैं परेशान नहीं होते हैं क्योंकि खुशी हमारी अपनी चीज है। उन्होंने बताया कि यही संस्कार ईश्वरीय संस्कार और देवी संस्कारों को जब हम अपने जीवन में धारण करते हैं तो धीरे-धीरे हमारे दिनचर्या में देवत्व आने लगता है और हमारे जीवन से टेंशन डिप्रेशन खत्म होने लगता है और हमारा जीवन सत्य शांति और आनंद से भरपूर हो जाता है। उन्होंने बताया कि पूरा श्रावण मास सभी भक्त शिव जी को याद करते हैं उनके नाम से व्रत करते हैं, पूजा पाठ करते हैं, शिवजी को प्रसन्न करने के लिए। उन्होंने कहा यदि हम 3 मिनट अपने मन को शांत करके मन की पावर को बढ़ाएं स्प्रिचुअल पावर से संबंध जोड़ें तो हम सहज ही अपने जीवन में देवत्व फिर से ला सकते हैं। गुरुवार के दिन परमात्मा शिव भोले नाथ को भोग लगाया गया उसके पश्चात सभी को प्रसाद बांटा गया। सभी ने दृढ़ संकल्प लिया कि हम सभी को ईश्वरीय संदेश जन-जन तक पहुंचाएंगे ताकि सभी भक्त परमात्मा शिव को पहचान कर उनसे जनम जनम का ईश्वरी जन्मसिद्ध अधिकार प्राप्त करें।