शाजापुर। जिले में एक ऐसा मंदिर है जो अपनी प्राचीनता और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर है भैरव मंदिर, जो जिला मुख्यालय से 2 किमी दूर पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 511 खड़ी सीढ़ियों को चढ़ना पड़ता है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन उनकी मनोकामनाएं पूरी होने से लोग खुशी खुशी भैरव मंदिर पर पहुंचते है मंदिर एक अति प्राचीन मंदिर है, जो भगवान भैरव को समर्पित है। भगवान भैरव को भगवान शिव के एक रूप के रूप में पूजा जाता है, और उन्हें न्याय और संरक्षण के देवता के रूप में माना जाता है। इस मंदिर में भगवान भैरव की पूजा करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, गुरू पूर्णिमा पर हर वर्ष आस्था का जनसैलाब मंदिर पर देखने को मिलता है बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर आते है एवं बाबा से मुराद मांगते है भैरव टेकरी की एक विशेषता यह है कि कर्क रेखा इसके बीचों-बीच से होकर निकलती है। कर्क रेखा एक काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी के मध्य से गुजरती है, और इसका महत्व ज्योतिष और खगोल विज्ञान में है। इस रेखा के पास स्थित होने के कारण, भैरव टेकरी का महत्व और भी बढ़ जाता है। भैरव टेकरी एक प्राकृतिक स्थल भी है, जो अपनी सुंदरता और शांति के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ी पर स्थित होने के कारण, यह स्थल आसपास के क्षेत्र का एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। पेड़ों की हरियाली और पक्षियों की आवाजें इस स्थल को और भी आकर्षक बनाती हैं।
भैरव टेकरी को आसपास के क्षेत्र का सबसे ऊंचा पॉइंट माना जाता है। यहां से आसपास के क्षेत्र का एक सुंदर दृश्य देखा जा सकता है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। बाबा भेरव नाथ को नगर कोतवाल भी कहा जाता है कोई भी विपदा आने पर पूजा पाठ करने से नगर में कोई विपदा नहीं आती भैरव टेकरी की सुंदरता को और भी बढ़ाने के लिए, आसपास पेड़ होने से इसमें चार चांद लग जाते हैं। भैरव मंदिर शाजापुर जिले का एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक और प्राकृतिक स्थल है। इसकी प्राचीनता, आध्यात्मिक महत्व, और प्राकृतिक सुंदरता इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाती है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यह स्थल एक आकर्षक स्थान है, जो उनकी आध्यात्मिक और प्राकृतिक आवश्यकताओं को पूरा करता है।