मनासा। जिले में पिछले चार पांच दिनों से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानो की फसलें चौपट हो चुकी है। अभी तक फसलों की नुकसानी को लेकर प्रदेश सरकार के मुखिया ने प्रशासन को सर्वे के आदेश नहीं दिए हैं। किसान का बेटा कहने वाले मुख्यमंत्री को नीमच जिले मंे आने से पहले बर्बादी के आंसु बहा रहा किसान के आंसु पोछने का काम करना चाहिए। किसानांे की सुध नहीं लेते हुए मुख्यमंत्री नीमच आ रहे हैं। किसानों के सम्मान में मुख्यमंत्री को प्रदेश कांग्रेस आईटीसेल द्वारा काले झंडे दिखाए जाएंगे।
यह बात प्रदेश कांग्रेस आईटीसेल सचिव दिनेश राठौर ने कही। राठौर ने कहा कि किसानों के मंुह में आया हुआ निवाला प्रकृति की मार से छीन गया है। ऐसे में किसानों के पास सिर्फ आंसू बहाने के अलावा कुछ नहीं बचा है। उनके सपने ओलावृष्टि और बारिश में धुमिल हो गए। किसान संकट में हैं और ऐसे समय में सरकार का दायित्व है कि उनकी सुध लेकर बिना किसी सर्वे के नुकसानी का मुआवजा राशि दंे। ओले खेतांे में नहीं बल्कि किसानों की छाती पर गिरे हैं। लेकिन अपने आपको किसान का बेटा कहने वाले मुख्यमंत्री का मन किसानो के प्रति नहीं पसीजा। आईटीसेल प्रदेश सचिव ने कहा कि किसानांे की फसले बर्बाद होने के बाद भी सरकार के जनप्रतिनिधि अभी तक खेतों में नुकसानी को देखने के लिए नहीं पहुंचे। वहीं प्रशासन ने भी खेतों में जाकर नुकसानी को देखना उचित नहीं समझा। राठौर ने बताया कि जब प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी उस समय अतिवृष्टि हुई थी तो कमलनाथ ने बिना किसी सर्वे के किसानों को नुकसानी का मुआवजा की राशी उनके खाते मे डाली। सीएम की संवेदनाए किसानो के प्रति शुन्य हो चुकी है। राठौर ने कहा कि मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के लिए आईटीसेल के सभी कार्यकर्ता नीमच पहुंचे।