नीमच। जिले में कांग्रेस की राजनीति अलग ही है, जिसको लेकर कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता से लगाकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी चिंतित है। एकजुटता के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कितने ही प्रयास कर लिए, लेकिन नीमच जिला कांग्रेस के सामने सब विफल नजर आ रहे हैं। 20 सालों से नीमच जिले में अपना वर्चस्व तलाश रही कांग्रेस को अब भी अक्ल नहीं आ रही है। मनासा विधानसभा को छोड़कर, नीमच और जावद में तो कांग्रेस की इतनी दुर्गति हुई है कि कांग्रेस का सच्चा कार्यकर्ता सोचकर ही हताश हो जाता है। फिर भी कांग्रेसी अपनी गुटबाजी सरेआम दिखाने में कमजोर नहीं पड़ रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में आपसी सामंजस्य बैठाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेकर 30 अप्रैल को दिग्गी राजा नीमच दौरे पर आए थे। इस दौरान सिंह ने जावद विधानसभा में मंडलम-सेक्टर के कार्यकर्ताओं की बैठक भी ली। कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय सिंह के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि नेताओं को यह संकल्प दिलवाना चाहिए कि यह निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे। सभी की बात गौर से सुनने के बाद दिग्गी राजा ने जावद विधानसभा से कांग्रेस से उम्मीदवारी जता रहे सत्यनारायण पाटीदार और राजकुमार अहीर को मंच पर बुलाकर शपथ दिलाई कि पार्टी किसे भी टिकिट दे कोई बगावत नहीं करेगा, सभी एकजुटता से कांग्रेस के लिए काम करेंगे और आपस में कभी नहीं लड़ेंगे। दिग्गी राजा की इस पहल की चहुंओर सराहना हुई और यह मुद्दा मीडिया के लिए बढ़ी खबर बना।
दिग्गी राजा के इस कदम से सभी को लगा की अब तो शायद कांग्रेस में गुटबाजी ख़त्म होगी और सब मिलकर काम करेंगे। लेकिन कल सिंगोली में जब नीमच जिला कांग्रेस प्रभारी नूरी खान का दौरा हुआ तो स्थिति ठीक इसके उलट नजर आई। सिर्फ मंच पर स्वागत में नाम नहीं आने पर ही कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही भीड़ गए। यह सब घटनाक्रम प्रभारी नूरी खान, जिले के वरिष्ठ नेता और कर्मठ कार्यकर्ताओं के सामने हुआ।
दरअसल हुआ ये कि मंच पर प्रभारी खान का स्वागत करने के लिए नाम पुकारे जा रहे थे तभी सत्तू पाटीदार और राजकुमार गुट के कार्यकर्ताओं में नामों को लेकर अनबन शुरू हो गई। धीरे धीरे बात झूमाझपटी तक पहुँच गई। मामले को बिगड़ता देख नूरी खान ने भी अपने तेवर दिखाए और कहा कि अगर यहीं इस मामले को शांत नहीं किया तो पार्टी से निष्काशन की कार्यवाई करनी पड़ेगी। जानकारी में आया है कि नूरी खान ने कुछ नामों के निष्काशन के लिए पीसीसी ऑफिस को भी अवगत करवाया है।
खेर दिग्गी राजा के द्वारा दिलवाई गई कसमों का नीमच कांग्रेस के नेताओं पर असर ऐसा हो रहा है जैसे चिकने घड़े पर किसी वस्तु का ठहरना। विधानसभा चुनाव नजदीक होते हुए भी कांग्रेस नेताओं का विपक्ष पर हमलावार होने के बजाय पक्ष के नेताओं का आपस में सरेआम लड़ना कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत नहीं है।