चित्तौड़गढ़। चित्तौड़ प्रांत की राष्ट्र सेविका समिति की शिविरार्थियों ने दंड प्रदर्शन, नियुद्ध करके महाराणा कुंभा परिसर में देशभक्ति पूर्ण जीवन जीने एवं क्षमता विकास करने का संकल्प लिया। गणवेश में उपस्थित बालिकाओं को प्रांत कार्यवाहिका वंदना वजीरानी ने चित्तौड़गढ़ के वीर वीरांगनाओं की शौर्य गाथाओं का वर्णन करते हुए गणवेश के महत्व को समझाया।
22 मई से 6 जून तक चल रहे चित्तौड़ प्रांत के राष्ट्र सेविका समिति की 139 बालिकाओं ने महाराणा कुंभा परिसर में दंड प्रदर्शन करते हुए आत्मरक्षा के लिए नियुद्ध किया। योगासन करके योग चाप को ताल के साथ प्रदर्शित किया। प्रांतकार्यवाहिका वंदना वजीरानी ने चित्तौड़गढ़ की शूर वीरों की शौर्य गाथाओं का बखान किया। उन्होंने हमारी एकता और एकरूपता के लिए गणवेश के महत्व को भी बालिकाओं को बताया।
बौद्धिक सत्र में विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर ने समाज विमर्श निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका विषय पर उद्बोधन देते हुए बताया कि सोशल मीडिया के काल में कई तरह के नकारात्मक विमर्श हमें दिग्भ्रमित कर रहे हैं इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि हम समाज में सकारात्मक विमर्श का संचार करते हुए आगे बढ़े। चर्चा सत्र में लक्ष्मीनारायण जोशी ने वंदे मातरम विषय के बारे में बताया कि भारत माता केवल भूमि का टुकड़ा ही नहीं है, वह हमारी भारतीय संस्कृति, संस्कार और यहां के वासियों का समग्र रूप है।
विशेष उल्लेखनीय है कि आज से ही गृहणियों का सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर भी चित्तौड़ प्रांत के 8 विभागों और 27 जिलों की 51 महिलाओं का प्रारंभ हुआ है।
उद्घाटन सत्र में वंदना वजीरानी ने बताया कि समिति कार्य ईश्वरीय कार्य है। हमें पूर्ण समर्पण से अनुशासित होकर दंड चलाना, नियुद्ध, योग चाप सभी कुछ सीखने हैं। इस प्रशिक्षण के पावन यज्ञ में हम अच्छे से सीख कर अपनी पावन आहुति देंगे। वर्गाधिकारी लीलामणि ने महिलाओं को उद्बोधन देते हुए बताया कि ये वर्ग आपके जीवन में यह बहुत कारगर साबित होगा।