कटनी। साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था सुदर्शना अंतर्नाद के तत्वावधान में आयोजित काव्य समारोह में देर रात तक दो प्रदेशों के आये कवियों का काव्य प्रवाह निनादित होता रहा। इस दौरान साहित्य कार मीरा भार्गव विद्यावाचस्पति की काव्य कृति प्रेम प्रसून का विमोचन किया गया वरिष्ठ नवगीत कार राम सेंगर की अध्यक्षता में छंद शास्त्री वीरेंद्र प्रताप सिंह भ्रमर के आतिथ्य तथा काशी से पधारे पुरुषार्थ सिंह एवं विद्वान आलोचक प्रो.अशोक श्रीवास्तव के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन एवं पूजन से हुआ। सुदर्शना निहारिका समूह द्वारा सर्व प्रथम प्रार्थना व मंगलाचरण का गायन किया गया। विमोचन समारोह में डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंग भ्रमर ने कहा की मीरा भार्गव की सद्य प्रकाश मान कृति प्रेम प्रसून प्रेम के शाश्वत रस से सराबोर है। आधुनिक युग की मीरा की तरह प्रेम के सभी भावों को अपनी रचनाओं में लेखिका ने उतारा है। गीतकार पुरुषार्थ सिंह ने कहा कि प्रेम प्रसून गीत संग्रह समरस भाव की साधिका मीरा भार्गव का अंतर्नाद है। जीवन का सबसे उदात्त पक्ष प्रेम को अपने गीतों का विषय बनाया है। गीत साहित्य की आत्मा है। कथ्य शिल्प की सरलता और भवनाओं की सघनता इस पुस्तक की विशेषता है। यह गीत संग्रह साहित्य जगत में सराहा जाएगा। दूसरे चरण में काव्य सरिता में राम सेंगर वीरेंद्र प्रताप सिंह ’भ्रमर’, पुरुषार्थ सिंह, राजा अवस्थी, राजेश श्रीवास्तव ’प्रखर’, राजेन्द्र सिंह ठाकुर, अजय प्रताप सिंह बघेल, नवीन गुप्ता, रागिनी मित्तल द्वारा काव्य पाठ किया गया। मीरा भार्गव द्वारा प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया गया। कार्यक्रम का संचालन नवगीतकार राजा अवस्थी और राजेंद्र ठाकुर ने किया। आभार ज्ञापन उद्योगपति बृज किशोर भार्गव द्वारा किया गया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।