नीमच। सनातन संस्कृति का मूल आधार शालिग्राम पूजन है। शालिग्राम को जिस जल में डाल दो वह गंगाजल हो जाता है। शालिग्राम जल पूजन से आत्मा में व्याप्त विकार और दोष दूर होते हैं। तुलसी शालिगराम विवाह आदर्श प्रेरणा का परिचायक है। यह बात निंबाहेड़ा गौशाला के संत पंडित राधेश्याम सुखवाल ने कही। वे विश्व सनातन हिंदू रक्षा संघ के घर -घर तुलसी सालिगराम महा अभियान के अंतर्गत जय गणेश परिवार व लावण्या ग्रुप के तत्वाधान में बघाना बालाजी धाम पर श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि बच्चों को बचपन से ही धार्मिक संस्कारों से जोड़ेंगे तो द्वेषता नहीं रहेगी। बच्चों का पूरा जीवन आनंद मय रहेगा। भक्त नेमा ,मीराबाई और कर्मा बाई ने जब भगवान को भोग लगाया तो उनकी आयु मात्र 7 -8 वर्ष की थी।तुलसी विष्णु को शिरोधार्य कर ही चढ़ाई जाती है।बच्चे बचपन से ही शिव की साधना आराधना तपस्या करें तो उनके जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं आ सकता है।लोग अपनी बेटी का विवाह करने के लिए उच्च परिवार ,उच्च व्यवसाय, देखते हैं। शंकर भगवान के तो परिवार का ही पता नहीं था।संसार के सभी माता-पिता अपनी बेटी को परिवार सहित प्रसन्न रूप में देखना चाहते हैं।माता-पिता की सेवा से बढ़कर संसार में कोई बड़ा धर्म नहीं। मां का ऋण संसार में कोई उतार नहीं सकता है।
राजनेताओं से अपने गृह क्षेत्र में सड़के बिजली के विकास कार्यों की मांग नहीं करें, उनसे अपने बेटे बेटियों के और अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाने की बात करें। बेटे के जन्म पर खुशियां सभी मनाते हैं बेटियों के जन्म पर खुशियां बिरले ही लोग मानते हैं। शिव पार्वती विवाह परंपरा सनातन संस्कृति है। लिव इन रिलेशनशिप के कानून को समाप्त करना चाहिए।यह भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं है।
इस अवसर पर संत राधेश्याम सुखवाल का आयोजन समिति द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्रचार प्रसार के लिए पत्रकार अर्जुन सिंह जायसवाल को गौ माता का प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। महाराज श्री ने कन्यादान दुल्हन की विदाई, तोरण द्वारा पूजन, नारद मुनि संवाद, तुलसी विवाह,मीरा,विष्णु, प्रसंग आदि के महत्व पर वर्तमान परिपेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया। तुलसी विवाह आरती श्रीमद् भागवत पोथी पूजन में रेखा गोयल, अंजना अग्रवाल, राधिका मिश्रा, कल्याणी सोनी, कुसुम सोनी, कंचन सुराह आदि श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
तुलसी शालिगराम विवाह बरात में झूमे श्रद्धालु-
भगवान शालिग्राम की बारात रेलवे फाटक पेट्रोल पंप अंडर ब्रिज के समीप से बैंड बाजे भजन कीर्तन के साथ प्रारंभ हुई जो क्षेत्र के प्रमुख मार्गाे से होती हुई बघाना बालाजी धाम तुलसी विवाह मंडप पंडाल पहुंचकर धार्मिक सामूहिक 108 तुलसी विवाह कार्यक्रम में परिवर्तित हो गई। बारात में महिला श्रद्धालु अपने हाथों में लड्डू गोपाल लिए सहभागी बनी। इस अवसर पर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे छोटो सो कन्हैया मेरा बांसुरी बजावे यमुना जी किनारे रास रचाए... प्यारी प्यारी जोड़ी लग राधेश्याम की...बहारों फूल बरसाओ मेरे भगवान आए हैं आज मेरे श्याम की शादी है सांवरिया सेठ दे दे थारो भरीयोडो भंडार छोटो ना पड़े... बन्नो म्हारो चारभुजा रो नाथ बन्नी म्हारी तुलसा लाड़ली ...., लाल जोड़े में ऐसे शरमाई रे मेरी तुलसा दुल्हन बनके आई रे...., आदि भजनों पर बाराती झुम उठे।शालिगराम बारात तुलसी विवाह के साथ ही कार्यक्रम का विश्राम हुआ।