भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्यसभा की खाली एक सीट से बीजेपी ने केंद्रीय राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन को प्रत्याशी बनाया है। वे मोदी कैबिनेट में मत्स्य पालन, पशुपालन-डेयरी विभाग के राज्य मंत्री हैं। केरल में उनके सहयोगी उन्हें ‘सरकार’ कहकर संबोधित करते हैं। कुरियन बुधवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
सीएम डॉ. मोहन यादव राज्य सभा प्रत्याशी जॉर्ज कुरियन के प्रस्तावक बने। सीएम ने भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचकर कुरियन के नॉमिनेशन फॉर्म पर हस्ताक्षर किए।
विधानसभा में विधायकों की संख्या के हिसाब से उनका निर्विरोध चुना जाना तय है। वे मध्यप्रदेश से पहले ईसाई सांसद होंगे। गुना से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद जून में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा सांसद से इस्तीफा दे दिया था। सिंधिया के सीट खाली करने के बाद राज्यसभा के लिए मप्र के कई नेता दावेदार थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने केरल के नेता जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा प्रत्याशी बनाया। उनका कार्यकाल दो साल का रहेगा।
एक्सपर्ट की माने तो कुरियन को जब मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया था उस वक्त भी कई लोगों ने आश्चर्य जताया था, क्योंकि वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। इसे बीजेपी की केरल में ईसाई समुदाय के बीच पैठ बढ़ाने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
कुरियन को मप्र के अलावा किसी और राज्य से राज्यसभा में न भेजने के सवाल पर एक्सपर्ट का कहना है कि कुरियन को एमपी से राज्यसभा भेजकर बीजेपी ने अपने साउथ इंडिया कनेक्शन को और ज्यादा स्ट्रॉन्ग किया है। इससे पहले मप्र से बीजेपी ने दक्षिण भारत के चार नेताओं को राज्यसभा भेजा है। इनमें जॉर्ज कुरियन के गुरु और पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ राजगोपाल का नाम भी शामिल है।