मनासा। क्षेत्र में निजी कंपनीयो द्वारा आदिवासी किसानो की जमीनें नियम के विपरित खरीदने एवं प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली सहित जनहित से जुडे 16 मुद्दो को लेकर जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधी आर सागर कछावा 10 सितंबर से आमरण अनशन करेंगे। कछावा ने 16 मुद्दो को लेकर 20 दिन पहले शासन प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर प्रशासन को समस्याओं के हल के लिए 15 दिन का अल्टीमेंटम दिया था। 15 दिन बाद भी प्रशासन ने एक भी समस्यां पर कार्रवाई नही की और ना ही कोई हल किया इसको लेकर वे आमरन अनशन पर बैठेंगे।
इस मामले में जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधी आर सागर कछावा ने बताया कि मैंने जनहित से जुडी समस्यां और मुद्दो को लेकर 20 दिन पहले किसानो और आमजन के साथ में जनपद पंचायत के सामने धरना प्रदर्शन कर प्रशासन को समस्यां के हल के लिए 15 दिन का समय दिया था। समस्यां हल नही होने पर आमरन अनशन करने का अल्टीमेटम सैंकडो किसानो की मौजुदगी में दिया था। प्रशासन और सरकार के जवाबदारो की लापरवाही के चलते गरीब आदीवासी, किसान और आमजन के साथ न्याय हो इसको लेकर 10 सितंबर से जनपद पंचायत के सामने आमरन अनशन करने का निर्णय लिया है। जिसकी सूचना प्रशासन और पुलिस को लिखित में की गई।
जिन 16 मुद्दो को लेकर आमरन अनशन किया जा रहा है। उनमें प्रमुख रूप से स्मार्ट मीटर को बंद कर अनाप शनाप दिए गए बिजली बिल निरस्त किए जाए। किसानो को सोयाबीन की उपज का 6 हजार समर्थन मुल्य तय किया जाए। साथ ही मौजुदा समय में सोयाबीन की फसल मे अफलन की स्थिति होने के कारण सर्वे कर मुआवजा दिया जाए। सरकारी जमीन पर बरसो से खेती कर परिवार को दो जून की रोटी की जुगाड करने वाले परिवारो को जमीन से बेदखल नही किया जाए। वन विभाग की जमीन पर कई सालो से खेती कर रहे है ऐसे किसानो को वन विभाग नए पुराने नक्शे के नाम पर परेशान कर रहा है। ऐसे किसानो को जहां पर वे काबिज है वहीं रहने दिया जाए। चिता प्रोजेक्ट के क्षेत्रफल को कम किया जाए और किसानो की गायो की अकाल मौत हो रही उनकी जांच की जाए। मनासा क्षेत्र में निजी कंपनीयों द्वारा आदिवासी किसानो की जमीने छीनने का काम बलपूर्वक किया गया। उन किसानो के साथ न्याय किया जाए। 20 सुत्रीय कार्यक्रम के तहतः आवंटित किए गए पट्टे बहाल करे और जो निरस्त नही उन्हे भूमि स्वामित्व का अधिकार दिया जाए। खिमला गांव में बिजली प्रोजेक्ट के नाम पर किसानो की जमीन कलेक्टर ने कंपनीयों से सांठगांठ कर नियम विरूद्व क्रय की गई। विक्रय भुमि आदेश निरस्त कर आदिवासी किसानो के साथ न्याय किया जाए। पटवारीयों द्वारा किसानो के साथ में नक्शा बटाकंन के नाम पर खुली लुट की जा रही है जिसे बंद किया जाएं। निजी कंपनी ने जिन किसानो की जमीने कोडीयों के भाव खरीदी है उन परिवारो के एक सदस्य को स्थाई नौकरी कंपनी द्वारा दी जाएं। खिमला ब्लाक में आबादी क्षेत्र के सर्वे नंबर को निरस्त कर ग्रीन को कंपनी को आवंटित कर दिया जिसे निरस्त कर ग्रामीणो को दिया जाएं। सहित अन्य मुद्दे शामिल है।