नीमच। मजदूरों के बकाया वेतन की वसूली के लिए 22 मार्च को तहसीलदार जावद सीसीआई फैक्ट्री की संपत्ति कुर्क करने नयागांव पहुंच थे,लेकिन मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिला था, उसके बाद न्यायालय तहसीलदार जावद ने फैक्ट्री प्रबंधन के विरुद्ध आदेश जारी किया हैं जिसमें सीसीआई की संपत्ति कुर्क करने की तारीख 2 अप्रैल निर्धारित की है और जिम्मेदार अधिकारियों को मौके पर मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। जावद न्यायालय ने कड़े शब्दों में कहा है की किसी जिम्मेदार को उपस्थिति नहीं होने पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। मामले में कांग्रेस के प्रदेश सचिव तरूण बाहेती का कहना है कि मजदूरों के हितार्थ प्रशासन का यह उचित कदम है एवं सीसीआई प्रबंधन द्वारा मजदूरों को बकाया राशि नहीं देने की दशा में प्रशासन को और कड़े कदम उठाने चाहिए।
मामले में कांग्रेस नेता बाहेती ने कहा कि केंद्र सरकार सीसीआई फैक्ट्री को पुनः चालू करने के बजाए बेचने पर तुली हुई है और चुनाव के दौरान बड़े बड़े वादे करने वाले क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता चुप्पी साधे हुए हैं। हालात यह है कि फैक्ट्री से जुड़े हुए कर्मचारियों व मजदूरों सालों से बकाया वेतन देने की मांग कर रहे है और श्रम न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक मजदूरों के पक्ष में फैसला सुना चुके हैं, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन मजदूरों के बकाया वेतन का भुगतान नहीं कर रहा है। उल्टा बीते दिनों फैक्ट्री की बेशकीमती संपत्तियों को मात्र 44 करोड़ में बेचने के लिए टेंडर निकाल दिया था, जिसका विरोध होने के बाद भी सीसीआई की संपत्ति को ऑनलाईन बेच दिया गया था, जिसके खिलाफ कर्मचारियों एवं मजदूरों के साथ कांग्रेस ने प्रशासन के समक्ष मांग रखी थी कि फैक्ट्री की बेशकीमती संपत्तियों की नीलामी को निरस्त करें और मजदूरों का बकाया वेतन उन्हें दिलाया जाए, जिस पर तहसीलदार न्यायालय ने जावद ने 21 मार्च 2025 को आदेश पारित कर सीसीआई फैक्ट्री की संपत्तियों की नीलामी पर रोक लगाते हुए संपत्तियों को 22 मार्च 2025 को न्यायालय तहसीलदार जावद की सुपुर्दगी में देने के आदेश भी दिए थे।
बाहेती ने बताया कि 22 मार्च को न्यायालय के आदेश के पालन में जावद तहसीलदार मयूरी जोक और अधिकारी मजूदरों के बकाया वेतन 17 करोड़ 55 लाख 59 हजार 405 रूपए की वसूली के लिए सीसीआई की संपत्ति की कुर्की करने गए थे, लेकिन मौके पर सीसीआई फैक्ट्री का कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिला था, इसलिए कार्रवाई नहीं हो पाई थी, पर उसी दिन न्यायालय तहसीलदार ने फैक्ट्री प्रबंधन को पत्र लिखकर संपत्ति की कुर्की करने के लिए नई तारीख 2 अप्रैल 2025 निर्धारित कर दी है तथा सीसीआई के महाप्रबंधक एके सुधांशु को निर्देशित किया है कि सीसीआई की संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई के दौरान 2 अप्रैल को सुबह 11 बजे स्वयं उपस्थित रहे या फिर कार्यकारी प्रभारी जयंत बिस्वास के अथवा किसी प्रतिनिधि को नियुक्त कर मौके पर उपस्थित रहने के लिए पाबंद करें। अन्यथा अनुपस्थिति की दशा में एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। पत्र में न्यायालय तहसीलदार ने फैक्ट्री प्रबंधन को निर्देशित किया है कि जब तक मजदूरों का बकाया वेतन की राशि इस न्यायालय में जमा नहीं की जाती है, तब तक सीसीआई फैक्ी नयागांव की किसी भी संपत्ति का हस्तांतरण नहीं किया जाए।
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क्षेत्र के विकास एवं मजदूरों के हितार्थ जारी रहेगी कांग्रेस की लड़ाई
कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने कहा कि मजदूरों के हितार्थ प्रशासन ने दोबारा जो कदम उठाया है,वह सराहनीय है। कांग्रेस ने हमेशा मजदूरों और वंचित वर्ग के हक की बात की है और आगे भी कांग्रेस मजदूरों के हितार्थ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। बाहेती ने कहा क्षेत्र में विकास एवं रोजगार के लिए हमारी आज भी मांग वही है कि सीसीआई फैक्ट्री को पुनः चालू किया जाए। न्यायालय को अंधेरे में रखकर सीसीआई फैक्ट्री की नीलामी कर दी गई जो सर्वथा अनुचित है। क्षेत्र के भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता ने नीमच की जिले की जनता सीसीआई फैक्ट्री को पुनः चालू कराने के जो वादे किए थे, वे सभी वादे हवा हो चुके हैं, जिसका बड़ा उदाहरण सीसीआई फैक्ट्री की संपत्तियों को बेचने के लिए योजनाबद्ध तरीके से टेंडर निकलना है, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया है और आगे भी करती रहेगी।