नीमच। छोटे व मझले सभी वर्ग के कृषकों को उनके कब्जे की शासकीय भूमि का उन्हे भूमि स्वामित्व प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा कांग्रेस के विस चुनाव के लिए आगामी चुनावी घोषणा पत्र में शामिल की जाय। यह मांग जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजीत कांठेड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को लिखे पत्र में की हैं।
कांठेड़ ने बताया कि भाजपा सरकार व उनके जन प्रतिनिधि सत्ता के मद में छोटे व मझले किसानों को शासकीय भूमि पर कब्जे को ले कर आये दिन प्रताड़ित व परेशान कर रहे हैं। बड़े जुर्माने व सिविल जेल की धमकियां दे कर कब्जे छुड़वा रहे हैं। किसान डरे हुए व परेशान है।
जिलाध्यक्ष ने बताया कि पिछले दिनों जावद में पटवारियों की एक बैठक में भाजपा के नेताओं की उपस्थिति में यह निर्देश दिया गया की सारे पटवारी प्रत्येक गांव व शहर की शासकीय भूमि व अतिक्रमण चिन्हित कर सूचियां प्रस्तुत करने को कहा।क्षेत्र में महत्वपूर्ण कीमती भूमि चिन्हित कर अपने मित्रो को बांटने का बड़ा खेल होने जा रहा हैं। जब कि किसानों की अपनी भूमि से लगी सेड़े मेडे व छोटे छोटे टुकड़ों पर वर्षो से किसानों के कब्जे चले आ रहे हैं व खेती करते रहे हैं।
कांठेड़ ने आगे बताया कि जब-जब कांग्रेस की सरकारें रही पुराने कब्जे के मान से पात्रता अनुसार पट्टे व भूमिस्वामी स्वामित्व प्रदान किए गए। अर्जुनसिह व दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल में बड़े पैमाने पर भूमिहीन किसानों को पट्टे प्रदान किए गए जिन पर किसान खेती कर रहे हैं। जब से भाजपा की सरकार बनी हैं विगत 20 वर्ष में किसानों को न तो भूमि के पट्टे दिए गए अपितु पुराने व्यवस्थापन कानूनों का भी पालन रोक दिया। यही नहीं किसानों की काबिज भूमि से बेदखल करने के प्रयास जारी हैं।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजीत कांठेड़ ने, पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को पत्र लिख कर मांग की है कि आगामी विस चुनाव के कांग्रेस के घोषणा पत्र में ऐसे सभी भूमि हीन छोटे कृषको को जिनके वर्ष 2010 के पूर्व से भूमि पर कब्जे चले आ रहे है व खेती कर रहे हैं उन्हें काबिज भूमि पर भूमि स्वामित्व प्रदान किया जाएगा । यदि जबरन बेदखल भी कर दिया गया तो पुन: कब्जा दिला कर भूमि स्वामित्व प्रदान किया जाए ताकि कृषक डरे नहीं और उन्हें एक बड़ी समस्या से निजात मिल सके।
कांठेड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अवगत कराया कि भाजपा सरकार किसानों से भूमिया छीन कर उन्हे बेदखल कर अपने मित्रो को सौप रही हैं। इसके लिए पटवारी राजस्व महकमे का व्यापक दुरुपयोग किया जा रहा हैं। ऐसे में छोटे मझले किसानों को उनके कब्जे की भूमि का उनके हक में व्यवस्थापन कर उनकी मदद की जाना सुनिश्चित करने की आवश्यकता हैं। कम रकबे के अतिक्रमण को जुर्माना मुक्त रखा जाना चाहिए ।