पिपलियामंडी। मंदसौर आए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान केवल घोषणाओं का पिटारा खोल गए, धरातल पर कुछ भी नही है। पिछले चुनाव में की गई घोषणाओं पर अमल नही हुआ और फिर घोषणा कर गए। अवैध को वैध करने की घोषणाएं भी मात्र घोषणा ही है। चुनाव नजदीक आते ही सीएम को मंदसौर में गरम-गरम पकोड़े खाना याद आ गए। लेकिन उन्हें याद होना चाहिए कि प्रदेश के हालात खराब है, बेरोजगार भटक रहा है, नई नौकरियां देना तो कहीं दूर कई विभागों में पद खाली है, जिनकी भर्तियां नही की जा रही है। डेढ़ वर्ष छोड दे तो 15 वर्षों के तीन कार्यकाल की भाजपा सरकार की कोई एसी उपलब्धि नही है कि जिससे आमजन का हित हुआ हो।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र ने सीएम के मंदसौर दौरे पर सवाल उठाते हुए बताया कि आखिर चुनाव नजदीक आते ही क्यों जनता की याद आई। जोकचन्द्र ने बताया सोयायटियों में राशन नही है, कई गरीबों को फिंगर प्रिंट (अंगूठे) का निशान मेच नही होने से राशन नही मिल रहा है, सर्वर डाउन होने की बात बोलकर उन्हें भगाया जा रहा है, कई सोसायटियों पर गेंहू है ही नही, अब चावल के भरोसे के जनता को रहना पड़ेगा। एपीएल राशन कार्ड पर तो राशन देना ही बन्द कर दिया है, जबकि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने हर व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन देने की योजना बनाई थी। वर्तमान में केरोसिन, शक्कर के तो कहीं से कहीं तक पते नही है।
जोकचन्द्र ने कहा कि सोयाटियों में खाद नही है, किसान दो कट्टे खाद के लिए मारा-मारा फिर रहा है, एक हेक्टर पर मात्र 2 कट्टे खाद दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री को मंदसौर में अफीम की सब्जी व खसखस का हलवा तो याद गया, लेकिन किसानों की पीड़ा याद नही है, उन्हें मालूम होना चाहिए कि नीमच-मंदसौर में खसखस के दाने की मंडी बंद है, किसान परेशान है, डोडाचूरा कई वर्षों से नही खरीदा जा रहा है, जो सड रहा है, पुलिस अफीम किसानों को जाल बिछाकर खुद खरीददार बनकर मुखबिर के जरीए फर्जी अफीम व डोडाचूरा के केस बना रही है, दलाल तोड़ के नाम पर करोड़ों रुपए लूट रहे है, सीएम को मालूम होना चाहिए कि हजारों बेगुनाह किसान जेलों में बंद है तथा कि कोर्ट के चक्कर लगा रहे है, ये बात मुख्यमंत्री क्यों बोलना भूल गए, और उन्हें अफीम की सब्जी व खसखस के दाने का हलवा याद रह गया।
जोकचन्द्र ने कहा कि मंदसौर में सीएम बोले कि माफिया व अपराधियों को कुचलने का काम जारी रखेंगे, जबकि हकीकत यह कि माफियाओं व अपराधियों से पुलिस की सांठ-गांठ है, अपराधियों व माफियाओं की मुहिम के नाम पर गरीब, मजदूरों व वर्ग विशेष के घर तोड़े जा रहे है, जबकि बड़े माफिया व अपराधी मंत्रियों, विधायकों व अधिकारियों के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में मंचों पर गलबहियां करते हुए देखे जा सकते है।
जोकचन्द्र ने आगे बताया कि मल्हारगढ तहसील में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई, लेकिन मृतकों के परिजनों को आज दिन कोई सहायता नही मिली, मुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री के मुँह से उफ तक नही निकला। हर बार मुख्यमंत्री घोषणा करते है, हर व्यक्ति को आवासीय पट्टा दिया जाएगा, जो जहां रह रहा है, उसे उसी जगह पट्टा मिलेगा, लेकिन यह भी मात्र घोषणा ही है, आज तक पात्र लोगों को पट्टा नही दिया, वे दर-दर भटक रहे है, अधिकारी उन्हें बेदखल करते है व जेल भेजने तक की कार्रवाई करते है। इस आड में अधिकारी भूमाफियाओं के पट्टे बना रहे है।
जोकचन्द्र ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री ने सरपंचों का मानदेय बढ़ाया, लेकिन उन्हें याद होना चाहिए कि पिछले 2 साल से सरपंचों को उनका मानदेय नही मिला और सरपंच भी बदल गए है, जबकि सरपंचों ने प्राकृतिक आपदा में भी निजी खर्च किया था, वह खर्च भी आज तक नही दिया। जोकचन्द्र ने बताया कि पिछले 10 वर्ष से अवैध काॅलोनियों में रह रहे लोगों के नामान्तरण नही हुए है, वे दर-दर की ठोकरे खा रहे है। कुछ दिनों पूर्व तो मंदसौर प्रशासन ने काॅलोनियों को अवैध बताकर उन्हें तोड़ने के आदेश दिए, अब मुख्यमंत्री कह रहे है कि हम अवैध काॅलोनियों को वैध करेंगे, तो आखिर 10 वर्षों से उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है, केवल चुनाव नजदीक आते ही उन्हें यह सब क्यों याद रहा है। कुछ दिनों पूर्व क्षेत्र के विधायक व प्रदेश के वित्तमंत्री ने मल्हारगढ़ में करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के भूमिपूजन किए, लेकिन यह समय लोकार्पण करने का था। मंत्री ने 15 वर्षों से मंत्री रहते हुए केवल भूमिपूजन करने का अलावा कुछ नही किया। हर बार चुनाव आते ही करोड़ों के निर्माण कार्यों के भूमिपूजन कर दिए जाते है, जिनका काम होना कोसों दूर है, पिछले चुनाव में भी हर गांव में पेयजल टंकी, मांगलिक भवन, नल-जल योजना का भूमिपूजन किया था, लेकिन अभी तक शिलान्यास के पत्थर धूल खा रहे है और नए शिलान्यास के पत्थर लगाकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
जोकचन्द्र ने बताया कि यह समय भूमिपूजन का नही है, 15 साल के कार्यों का हिसाब देने का है, और जनता इस चुनाव में ब्याज सहित हिसाब लेगी। मल्हारगढ़ क्षेत्र का दुर्भाग्य है कि इस क्षेत्र के विधायक प्रदेश के तीन मंत्रालय का काम संभाल रहे है, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के लिए जनता त्राहिमाम है। पिपलिया में करोड़ों के ओवरब्रिज का काम अधर में लटका हुआ है, सही मापदण्ड में नही बनाया जाने से रेलवे ने कार्य बंन्द करवा दिया है, जनता परेशान है, सही मापदण्ड से ब्रिज नही बनाया गया है, इस कारण जब भी यह चालू होगा, आए दिन दुर्घटनाएं होगी व आमजन के लिए यह मौत का ब्रिज साबित होगा।
जोकचन्द्र ने आगे बताया मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के मुख्य नगर पिपलियामंडी, नारायणगढ़, मल्हारगढ़, संजीत, धुंधड़का, बूढ़ा, कूचड़ोद, बडवन आदि जगह डाॅक्टर नही है, नर्सों के भरोसे अस्पताल चल रहे है, केवल मरीज को गोली देने व रेफर करने तक यह अस्पताल सीमित रह गए है।
जोकचन्द्र ने आगे बताया कि कई सरकारी स्कूल में शिक्षक नही है और कहीं शिक्षक है तो बच्चे नही है। सरकारी योजनाओं व कार्यालयों से आमजन का भरोसा उठता जा रहा है। जोकचन्द्र ने आगे बताया कि किसानों को उपज का लागत मूल्य भी नही मिल रहा है, कई किसानों को लहसुन फसल फेंकना पड़ी। वहीं अन्य फसलों के दाम भी इतने कम है कि किसान लागत मूल्य भी नही निकाल पा रहा है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले मुख्यमंत्री ने कन्यादान योजना बन्द कर दी है। मल्हारगढ़ तहसील में 44 बालिकाओं का विवाह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के भरोसे कर दिया था, लेकिन उन्हें राशि नही मिली और अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए है।
जोकचन्द्र ने बताया कि मंदसौर नगरपालिका के अध्यक्ष रहते प्रहलाद बंधवार की हत्या हुई थी, उस समय कांग्रेस की सरकार थी, आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा तो शिवराजसिंह चोहान ने प्रश्न खड़े किए थे और बोले थे कि इसकी सीबीआई जांच होना चाहिए। लेकिन कुछ दिनों बाद ही सरकार गिराकर भाजपा ने सरकार बनाई और शिवराजसिंह चोहान मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन सीबीआई जांच होना तो दूर मंदसौर में मुख्यमंत्री बंधवार को श्रद्धांजलि देने तक नही गए। कई बार परिजन सीबीआई जांच की मांग कर चुके है, इसके अलावा भी जिले में कई हत्याएं अभी तक पुलिस ट्रेस नही कर पाई है।