नीमच। शहर में भाजपा की बहुमत वाली नगर सरकार जहां अपना मनचाहा सीएमओ पदस्थ करवाने के लिए जोर पानी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के दिग्गज दिल्ली और भोपाल में बैठ कर इस माथा पच्ची में लगे हैं कि एमपी में फिर भाजपा की सरकार कैसे बनाई जाए और इसके लिए प्रदेशाध्यक्ष बदलने की कवायद तेज हो गयी है।
वीडी शर्मा को प्रदेश की कमान संभाले ज्यादा दिन नहीं हुए, लेकिन उनकी विदाई की खबरे आम हो रही है। हाल ही में प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए नीमच - मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता का नाम सुर्खियों में था। जानकार बता रहे हैं कि एसजी (सुधीर गुप्ता) का नाम गुजरात चुनाव के बेहतर प्रबंध के कारण जोर पकड़ गया।
लेकिन आज इस मामले में दिल्ली से एक और नाम निकलकर सामने आया है और वह नाम है केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का जानकार बता रहे हैं शिवराज - तोमर की जोड़ी ने एमपी में भाजपा को नयी ऊंचाई दी थी, एक बार फिर दिल्ली उन पर भरोसा कर सकती है और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी के साथ भोपाल भेज सकती है। चूँकि तोमर वो नेता है, जिनका पूरे एमपी में जनाधार जबकि एसजी को अभी एमपी में पांव पसारने है, पर वे एक बेहतर संगठक बन कर उभरे हैं।
खबरे दिल्ली से यह भी निकलकर आ रही है की एमपी में शिवराज को चलता कर उनकी जगह केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम बनाया जा सकता है। जानकारों की मानें तो नया साल एमपी में कई बदलाव लेकर आ सकता है। क्योकि भाजपा के लिए 2023 के विधानसभा चुनाव में सरकार वापस बनाना एक चुनौती है। यदि इस चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं होता है तो इसका सीधा प्रभाव 2024 के लोकसभा चुनाव पर पडेगा और दिल्ली कभी नहीं चाहेगी के एमपी में परिणाम बिगड़े साथ ही उसे एंटी इंकम्बेंसी का डर सत्ता रहा है। ऐसे में उसे बड़े पैमाने पर जतन करना है।
दिल्ली का मानना है कि यदि एमपी में गुजरात फार्मूला लागू करना है तो पहले उन्हें बड़े नेताओं को विदाई देकर उदाहरण प्रस्तुत करना होगा और उसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान की यदि विदाई होती है तो फिर गुजरात फार्मूले के क्राइटेरिया में आने वाले दर्जनों विधायकों और मंत्रियो को चुपचाप घर बैठना पड़ेगा बड़े नेता की विदाई के बाद कोई चू चपड़ नहीं करेगा।
इन सब घटनाक्रमो के मद्देनज़र एमपी में आने वाले दिन बीजेपी के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।