नीमच। वरिष्ठ इंका नेता और नीमच के पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल ने आरोप लगाया है कि बंगला-बगीचा समस्या समाधान के लिए भाजपा सरकार द्वारा बनाये गए असंगत व्यवस्थापन नियमों की खामियों को अविलम्ब दूर करने के वादे कर पहले विधानसभा और फिर नीमच नगरपालिका परिषद के चुनावों में प्रभावितों के वोट बटोरने के बाद भाजपा के निर्वाचित नेतागण अब किये गए वादों के अनुरूप सर्वमान्य समाधान को लगातार अनदेखा कर जनता के साथ सरासर धोखा कर रहें हैं। काँग्रेस प्रभावितों को न्याय दिलाने के लिए चरणबद्ध प्रयास करेंगी।
पटेल ने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार ने 26 मई 2017 को बंगला-बगीचा समस्या के समाधान स्वरूप व्यवस्थापन नियमों के नाम से प्रारूप मप्र राजपत्र में प्रकाशित किया था। इन नियमों के निर्धारण की प्रक्रिया के संदर्भ में यहाँ के तत्कालीन भाजपा विधायक और भाजपा के ही नीमच नगरपालिका परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष ने स्थानीय नागरिकों के हितों के लिहाज से जागरूकता और कर्तव्यों का निर्वाह नहीं किया। उनकी ढिलाई से व्यवस्थापन नियमों का समूचा प्रारूप नीमच के प्रभावित व्यक्तियों के बजाय ब्यूरोक्रेसी के नजरिये से ही बनाया गया।
व्यवस्थापन प्रारूप का असंगत, अनुचित और जन हित विरोधी स्वरूप-
पटेल ने कहा कि व्यवस्थापन प्रारूप में निर्धारित नियम पक्षपातपूर्ण और अव्यवहारिक है। इसमें केवल पांच हजार फीट तक के भवन-भूखंडों के ही व्यवस्थापन के प्रावधान तय किये गए। जबकि इससे बड़े आकार के भवन-भूमियों की समान स्थिति होने के बावजूद उनके व्यवस्थापन के लिए एकदम अनीतिपूर्वक नियम थोपे गए। पाँच हजार फीट तक के व्यवस्थापन के तहत भी प्रीमियम, वार्षिक लीज तथा अन्य शुल्क निर्धारण में भी बिल्कुल अतार्किक अलग-अलग स्लैब बनाये गए।
इसी प्रकार, व्यवस्थापन नियमों के तहत हिन्दू विधि के अनुसार यादी बंटवारा, मुस्लिम विधि के अनुसार हिब्बा नामा को कोई मान्यता नहीं दी गई थी और अधिपत्य सम्बन्धी दस्तावेजों को लेकर भी अनेकानेक विसंगतियां विद्यमान थी।
पटेल ने कहा कि ऐसे त्रुटि पूर्ण और प्रभावितों के साथ हर तरह से अन्याय के प्रतीक इस समाधान को लेकर प्रारूप प्रकाशन के साथ ही प्रभावितों के साथ हुए अन्याय को लेकर विधायक और तत्कालीन नपाध्यक्ष को अविलम्ब प्रभावी पहल के जन-दायित्व का निर्वाह करना था। लेकिन दोनों नेता व्यवस्थापन प्रारूप को ऐतिहासिक और चमत्कारिक बताते हुए श्रेय बटोरने की होड़ में उलझे रहे।
प्रारूप की खामियों को लेकर भटक रहे प्रभावितों को भाजपा ने पुनः झूंठे वादों से छला-
पटेल ने कहा कि व्यवस्थापन प्रारूप की खामियों के कारण पीड़ित-प्रभावित वर्ग में रोष फैलना स्वाभाविक था और उन्होंने परोक्ष रूप से अनीति भरे समाधान को नकार दिया। इसके बाद से व्यवस्थापन नियमों में न्यायसंगत संशोधन के लिए प्रभावित जनता का संघर्ष शुरु हो गया। भाजपा ने इस पीड़ा को वोटों में बदलने की नीति के तहत वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वादा किया कि नीमच में भाजपा की जीत पर हर हाल में व्यवस्थापन नियमों में उचित संशोधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। जनता ने वादे पर ऐतबार किया और भाजपा प्रत्याशी को भारी मतों से विजयी बनाया।
पटेल ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद स्थानीय विधायक ने अपेक्षित प्रयासों पर ध्यान ही नहीं दिया। वर्ष 2018 के चुनाव के बाद 15 माह तक प्रदेश में काँग्रेस सरकार रही और जनता की परेशानी के मद्देनजर काँग्रेस संगठन ने प्रभावी पहल कर तत्कालीन जिला कलेक्टर के माध्यम से व्यवस्थापन नियमों में जन अपेक्षाओं के अनुरूप संशोधनो का प्रस्ताव शासन को भिजवाया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी व्यवस्थापन नियमों में सर्वहितकारी संशोधन के निर्देश दिए थे और इस बाबत सम्बद्ध मंत्रालय में प्रक्रिया पूर्णता के करीब थी। लेकिन भाजपा के षड़यंत्र के चलते असमय काँग्रेस सरकार गिर जाने से अपेक्षित समाधान नही हो पाया।
इसके बाद से प्रदेश में पुनः ढाई साल से भी अधिक समय से भाजपा सरकार है किंतु व्यवस्थापन नियमों में सुधार को लेकर कोई हलचल नहीं हैं। इस बीच जुलाई 2022 में सम्पन्न नीमच नगरपालिका परिषद के चुनाव को लेकर जारी घोषणा पत्र में भाजपा ने बंगला-बगीचा क्षेत्र के पीड़ित नगरवासियों से वादा किया कि परिषद में बहुमत और भाजपा अध्यक्ष बनने की स्थिति में पहली बैठक में ही व्यवस्थापन नियमों के सभी असंगत, अनीतिपूर्ण और पक्षपात भरे नियमों में संशोधन का प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार से अविलम्ब मंजूर करवाएं जाकर राहत प्रदान की जायेगी।
पटेल ने कहा कि जनता ने पुनः भाजपा के वादे पर भरोसा कर नीमच नपा परिषद के बंगला-बगीचा क्षेत्रों से सम्बन्धित सभी वार्डों में भाजपा पार्षदों को विजयी बनाकर परिषद में बहुमत दिया। किन्तु हमेंशा की तरह एक बार फिर चुनावी सफलता के बाद जनता के साथ वादा खिलाफी करते हुए भाजपा के नीमच नपा अध्यक्ष ने बहुमतधारी परिषद में दो बैठकों के बावजूद दूषित व्यवस्थापन नियमों से प्रभावित शहरवासियों को न्याय और राहत प्रदान करने वाले कोई भी संशोधन प्रस्ताव विचारार्थ रखे ही नहीं हैं।
वोट और नोटों की लूट की बदनीयत से भाजपा ने लटका रखा है बंगला-बगीचा समस्या समाधान-
पटेल ने कहा कि मई 2017 में पहले पूरी तरह त्रुटि पूर्ण और असंगत व्यवस्थापन नियम बना कर और फिर साढ़े पाँच साल गुजरने के बावजूद जन-अपेक्षित सुधार नहीं करने के पीछे भाजपा सरकार और क्षेत्रीय भाजपा नेताओं की यह मंशा साफ है कि समस्या को लटका कर समाधान के नाम पर वोट एवं नोटों के रूप में प्रभावितों को छला जाए। इस लम्बी अवधि में भाजपा विधायक व भाजपा नेतागण महज दिखावे के लिए मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन के अधिकारियों से समाधान के लिए मिलने की खबरे छपवा कर जनता को भ्रमित करते रहें हैं।
पटेल का कहना है कि नगरपालिका अध्यक्ष और विधायक सत्तारूढ़ भाजपा के हैं और अगर पीड़ितों के सच्चे हितैषी बन कर समर्पित प्रयास करते तो बहुत पहले ही दूषित नियमों में सकारात्मक बदलाव हो जाता। किंतु मुद्दे को जीवित रख कर झूंठे दिलासे और वादों के जरिये जनता को छलने के षड़यंत्र के कारण समाधान लटका कर रखा गया हैं। इसी तरह कुछ महीनों के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भी एक बार फिर झूंठे वादे कर वोट बटोरने के गलत मंसूबे नजर आ रहें हैं।
जनहित में काँग्रेस की मांग और संकल्प-
पटेल ने कहा कि जिला मुख्यालय नीमच के बंगला-बगीचा क्षेत्र के रहवासी हजारों परिवारों को भाजपा सरकार की षडयंत्र पूर्ण नीतियों से लगातार दमन और शोषण का शिकार बनते हुए देख कर काँग्रेस अब चुप नहीं बैठ सकती हैं। काँग्रेस की पुरजोर माँग है कि भाजपा सरकार प्राथमिकता से बंगला-बगीचा व्यवस्थापन नियमों की विसंगतियों-खामियों को दूर करने के लिए जरूरी संशोधन करें। अगर जन-हितों को ध्यान में रखते हुए निश्चित समयबद्धता के साथ पक्षपात रहित एवं सर्व स्वीकार्य समाधान नहीं किया जाता हैं तो काँग्रेस संगठन द्वारा लोगों को न्याय मिलने तक चरणबद्ध रूप से सभी प्रभावी प्रयास किये जायेंगे।