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January 2, 2023, 12:33 pm
BIG NEWS : मंहगाई और बेरोजगारी से जूझ रही प्रदेश की जनता, पलायन को मजबूर बेरोजगार- मधु बंसल, भाजपा की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार के चलते राज्य का हर नागरिक हुआ कर्जदार, पढ़े खबर 

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नीमच । जबसे मध्य प्रदेश में बीजेपी की शिवराज सरकार आई है आम जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्राही-त्राही करने लगी है। शिवराज सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण शिक्षित और अशिक्षित बेरोजगार प्रदेश से पलायन कर दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में स्वर्ण समाज से उठी आवाज से मिलता है। स्वर्ण समाज के लोग भी अब आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करने लगे हैं जिसका सीधा सीधा मतलब है कि लोग आर्थिक परेशानियों से लड़ रहे हैं। मध्य प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजी-रोटी का संकट बना हुआ है और परिवार की चिंता कारण बना हुआ है। विधानसभा चुनाव 2023 में बेरोजगारी और महंगाई एक बड़ा मुद्दा होगा। मध्य प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या तथा महंगाई दिन दुगुनी और रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। 

उक्त बात कांग्रेस की वरिष्ठ महिला नेत्री मधु बंसल ने कही। उन्होंने कहा कि जबसे प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है तब से राज्य के लोगों की आमदनी बढ़ने की बजाय घट गई है जबकि महंगाई कम करने का दावा करने वाली सरकार कर्ज ले लेकर राज्य को भारी आर्थिक संकट में डाल चुकी है। 

प्रदेश डूबा कर्ज में, प्रदेश के हर व्यक्ति पर 41 हजार रु का कर्जा-

बंसल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार पर मार्च 2022 की स्थिति में बात करें तो तीन लाख तीन हजार करोड रुपए का कर्ज है। इस वर्ष में अभी तक मध्य प्रदेश सरकार 8 हजार करोड रुपए का ऋण ले चुकी है। इस तरह लगभग मध्य प्रदेश के हर व्यक्ति पर तकरीबन 41000 रु का कर्ज हो गया है। अगर ऐसे ही राज्य सरकार कर्ज लेती रही तो अगले साल तक प्रति व्यक्ति कर्जा करीब 50000 रु तक हो सकता है। 

प्रदेश में पहली बार बढ़े 5.5 लाख बेरोजगार-

कांग्रेस नेत्री मधु बंसल ने बताया कि वहीं अगर रोजगार संबंधी बात की जाए तो ऐसा संभवत: पहली बार है कि जब रोजगार नहीं मिलने से प्रदेश में एक ही साल में 5 लाख से ज्यादा नए बेरोजगार बढ़ गए। ई-श्रम पोर्टल भारत सरकार के मुताबिक मध्यप्रदेश में 1.3 करोड़ बेरोजगार है । CMIE 2022 के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में ग्रेजुएट युवा की बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे ज्यादा है। इकोनॉमिक सर्वे मध्य प्रदेश के अनुसार मध्यप्रदेश में साढे 5.5 लाख बेरोजगारों की वृद्धि हुई है। प्रदेश में भाजपा और शिवराज सरकार की गलत नीतियों के चलते महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है और लोगों के अन्य राज्यों में पलायन का सिलसिला जारी है।

हर दिन बढ़ रहे इतने बेरोजगार-

बंसल ने कहा कि मध्य प्रदेश में यदि बीते एक साल के आंकड़े की बात की जाए तो यहां पर पांच लाख 46 हजार बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है। यह आंकड़ा अपने आप में चौंकाने वाला है। शिवराज सरकार की ओर से लगातार रोजगार पर जोर देने का दावा किया जाता रहा है। लेकिन यह भी हकीकत है कि राज्य में प्रतिदिन 1,495 बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। इतनी बड़ी संख्या में सरकार की ओर से रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं करा पाना सरकार की नाकामी की ओर साफ इशारा करता है। 

प्रदेश में कितने हैं कुल बेरोजगार-
मधु बंसल ने बताया कि मध्य प्रदेश में यदि बेरोजगारों की संख्या के बात की जाए तो 24,77,000 बेरोजगार सूचीबद्ध हैं। इसमें बीते साल के 5,46,000 बेरोजगारों के आंकड़े को और जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 30 लाख 23000 पहुंच जाएगी। बेरोजगारों की संख्या बढ़ने के कारण प्रदेश का विकास भी धीमे हो रहा है। इसके अलावा अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 
मध्यप्रदेश में मई से अगस्त 2022 तक बेरोजगारी दर 3.52 प्रतिशत रही। इनमें पुरुषों में बेरोजगारी दर 3.48 प्रतिशत और महिलाओं में 4.91 प्रतिशत है। देश में अगस्त में 8.28 प्रतिशत के साथ बेरोजगारी दर साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

नौकरी में भर्ती के नाम पर सिर्फ वसूली-

महिला नेत्री बंसल ने आरोप लगाता हुए कहा कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग जो कि व्यापम के नाम से जाना जाता था। बेरोजगार युवाओं से ठगी कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में आयोग ने बेरोजगार युवाओं से 1046 करोड़ रु फॉर्म फीस के नाम पर वसूल कर कमाए हैं जबकि खर्च 500 करोड़ भी नहीं हुए हैं। आयोग को हर वर्ष ब्याज के तौर पर 20 करोड़ रु प्राप्त होते हैं। सरकार पहले एग्जाम का फॉर्म निकालती है उसके नाम पर पैसों की वसूली करती है फिर या तो पेपर लीक होता है या परीक्षा में घोटाला होता हैं, एग्जाम को कोर्ट में कैंसिल करवाना पड़ता है और यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। हजारों युवा भर्ती परीक्षा पास करने के बावजूद अपनी नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं जबकि सरकार में लगभग 3 लाख पद खाली पड़े हैं जिसमें स्कूली शिक्षा विभाग में 45000 और स्वास्थ्य में 14000 पद शामिल है। एक बार फिर चुनाव से पहले शिवराज सरकार बेरोजगारों को नौकरी के सपने दिखाकर फार्म फीस वसूलने में जुटती दिखाई दे रही है। 

कांग्रेस की वरिष्ठ महिला नेत्री ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी की समस्या बेहद गंभीर है। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा और भाजपा शासित सरकार के नुमाईंदों को मंहगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर जरुर सबक सिखाएगी।

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