नीमच। प्रदेश की भाजपा सरकार शहर और गांवों में विकास यात्रा निकाल रही है। दावा किया जा रहा है कि पूरे प्रदेश समेत नीमच जिले में विकास की गंगा भाजपा के शासन में बही है, पर हकीकत यह है कि सस्ते पीएम आवास शहरी क्षेत्र के गरीबों को 5 साल से इंतजार है। नीमच शहर में सस्ते पीएम आवास फ्लेट के लिए 800 आवेदक कतार में हैं, जबकि नगरपालिका ने योजना को सरेंडर कर दिया है। अब सिर्फ 144 को ही आवास मिलेंगे। ऐसे में ये कैसा विकास भाजपा की सरकार ने गरीब जनता का किया, इसका खुलासा जिम्मेदार करें या उन गरीबों से माफी मांगे, जिन्हें सस्ते मकान दिलाने का सपना दिखाया गया था।
यह आरोप कांग्रेस नेता ओम दीवान ने प्रेसनोट के माध्यम से लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता बीते 5 वर्ष से शहर की गरीब जनता को सस्ते आवासीय फ्लेट दिलाने के नाम बरगला रहे हैं। हालात यह है कि 6 वर्ष पहले नगरपालिका ने पीएम आवास योजना में कनावटी के समीप सस्ते आवासीय फ्लेट देने के नाम पर की गरीब आवेदकों से 10-10 हजार रूपए की एफडीआर जमा कराई और आवास निर्माण शुरू किया। उसके बाद लॉटरी निकालने का कृत्य रचा गया और करीब 600 गरीब परिवारों को फ्लेट के क्रमांक भी आवंटित कर दिए गए और गरीब परिवारों से 30-30 हजार रूपए और नपा ने जमा कराए, जिनमें से 600 परिवारों से नपा को राशि जमा कराई।
दीवान ने बताया कि करीब 5 वर्ष आवास का इंतजार कराने के बाद नगरपालिका ने आवास का इंतजार कर रहे गरीब परिवारों को आवास देने से इंकार कर दिया है। नपा के जिम्मेदारों का कहना है कि योजना को सरेंडर कर दिया, जिसके कारण सिर्फ 144 गरीब परिवारों को ही आवास मिलेंगे। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि फिर 5 वर्ष क्यों गरीबों को इंतजार कराया गया। या तो नपा गरीबों को आवास के एवज में भूखंड उपलब्ध कराए या फिर 5 गुना ब्याज के साथ उन्हें जमा राशि लौटाई जाए।
अमीरों के लिए है पर गरीबों के लिए नहीं नपा के पास आवास-
दीवान ने आरोप लगाया कि नीमच में भाजपा नेताओं की शह पर नगरपालिका और उसके तत्कालीन जिम्मेदारों ने गरीबों के साथ बड़ा कुठाराघात करते हुए पीएम आवास कॉलोनी में पहले एलआईजी व एमआईजी के फ्लेट की प्लानिंग की ताकि अमीरों और सक्षम लोगों को बड़े फ्लेट मुहैया कराये जा सकें, उसके बाद गरीब परिवारों के लिए ईडब्ल्यूएस फ्लेट का निर्माण शुरू कर दिया, जिसका नजीता यह है कि वर्तमान में अमीरों और सक्षम शहरवासियों के लिए पीएम आवास कॉलोनी में करीब 300 एलआईजी और एमआईजी फ्लेट बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि गरीबों के लिए 144 ईडब्ल्यूएस फ्लेट ही बनाए जा रहे हैं। योजना को सरेंडकर गरीबों के साथ कुठाराघात किया गया है और विकास यात्रा के नाम पर गरीबों को बरगलाया जा रहा है।