रतलाम। शहर में अगर नगर निगम महापौर प्रहलाद पटेल की चली तो शहरवासियों को जल्द ही एक नया कर चुकाना पड़ सकता है। यह कर होगा कचरा संग्रहण का।
हम आपको इस नए संभावित कर के बारे में अभी इसलिए जानकारी दे रहे है कि शायद महापौर प्रहलाद पटेल इस तरह का कर जनता पर लगाने का मूड बना चुके है और अपने इस मूड के बारे में सफाई और कचरा संग्रहण वाहन की शिकायत लेकर पहुंचे नागरिको के सामने जाहिर भी कर दिया। महापौर के इस मूड का प्रमाण उनका एक वायरल हो रहा वीडियो है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में जनता पर लादने वाले इस कचरा संग्रहण कर के बारे में उनसे मिलने आये कुछ लोगो को वह बताते हुए दिखाई दे रहे है। वीडियो में कचरा कलेक्शन वाहनों के नहीं आने की शिकायत लेकर पहुंचे स्थानीय रहवासियों को महापौर प्रहलाद पटेल ने टैक्स का एक नया फार्मूला बताया है।
महापौर प्रहलाद पटेल का कहना है कि कचरा कलेक्शन को सुचारू रूप से चलाने के लिए नगर निगम 2 रूपए प्रतिदिन हर घर से टैक्स के रूप में लेने जा रहा है। शहर की बिगड़ी हुई सफाई व्यवस्था को सुधारने में फंड की कमी होने की बात महापौर ने शहरवासियों से कही है। वीडियो में महापौर यह तक कहते हुए दिखाई दे रहे कि आज के समय भिखारी भी दस रुपये से कम लिए बिना मानता नही है हम तो आपसे केवल दो रुपये ही लेंगे। मौके पर मौजूद रहवासियों ने महापौर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल किया है जिसमें महापौर सफाई व्यवस्था के लिए अतिरिक्त टैक्स वसूलने की बात कह रहे हैं। कचरे के नाम पर दो रुपये रोज की वसूली वाले महापौर के बयान पर शहर में चर्चाएं होने लगी है जो इसे हास्याप्रद बताते हुए प्रथम नागरिक की परिपक्ता पर सवाल खड़े कर रहे है। युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मंयक जाट ने सवाल किया है कि मुख्यमंत्री रतलाम के लिये तो खजाना खोल रहे थे तो महापौर को जनता पर नया कर लगाने की जरूरत क्यों दिखाई पड़ रही है।
पूर्व महापौर पारस सकलेचा ने इस मामले में कहा कि पहले वह यह जानना चाहते है कि क्या महापौर ने नगर विधायक चेतन्य कश्यप से पूछ कर यह घोषणा की है। महापौर को ज्ञात होना चाहिए कि जनता पर कोई भी नया कर बिना परिषद की सहमति के नही लगाया जा सकता है। फिर इस तरह की घोषणा करके महापौर क्यों अपने अपरिपक्व होने का सबूत जनता को दे रहे है।