क्या मालवा में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह किसी सीक्रेट प्लान पर काम कर रहे है, जब दिग्गी राजा ने सुंदरलाल पटवा की भाजपा सरकार के बाद एमपी की सत्ता में वापसी की थी उस समय उन्होंने मालवा से ही चुनावी बिगुल बजाया था तो क्या माना जाए इस बार भी राजा की नज़र मालवा पर है।
जानकारों की माने तो दिग्विजय सिंह ने ग्राउंड ज़ीरो पर मंडलम और सेक्टर से जुड़े कार्यकर्ताओ को मजबूत करने का ज़िम्मा अपने पास रखा है और यदि मार्च के प्रथम सप्ताह में वे नीमच आते है तो वे यहाँ रात्रि विश्राम कर सकते है और इस दौरान जमीनी लोगो से बात करने का उनका प्लान है।
गौरतलब है की राजा को राजनीति का चाणक्य माना जाता है, इसमें कोई शक नहीं की आमतौर पर राजनैतिक दल और उसके नेता आरएसएस के खिलाफ कुछ भी बोलने से परहेज़ करते है, लेकिन यह बात सबको पता है दिग्विजय सिंह ने अब तक सबसे अधिक आरएसएस को निशाने पर रखा है जिस समय भाजपा शासन के बाद दिग्विजय सिंह ने एमपी की सत्ता में कांग्रेस की वापसी करवाई थी तब मालवा के नीमच-मंदसौर जिले की तमाम सीटों पर कब्ज़ा जमाया था।
जानकारों की माने तो राजा का मंसूबा संघ परिवार की नर्सरी से हल्ला बोलने का है और उसके लिए अपने विश्वास पात्र सिपहसालार मुजीब कुरैशी को नीमच जिले का प्रभारी बनाकर भेजा है। कांग्रेस के नेता भले कलफ लगे सफेद कपड़े पहनकर टिकिट की लाईन में लगे हो लेकिन इस बार दिग्विजय सिंह का प्लान जमीन से उम्मीदवार निकालने का है जानकार यह भी बता रहे है की इस बात को अहमियत नहीं दी जायेगी की कौन नेता कितना पुराना है पार्टी यह देखेगी की जमीन पर भाजपा को कौन टक्कर दे सकता है, जिसका ट्रेक रिकॉर्ड साफ़ सुथरा हो इन्ही सब बिन्दुओ पर राजा की टीम काम करने में लगी है क्योकि कांग्रेस के सामने करो या मरो की स्थिति है, यदि इस चुनाव में वापसी नहीं हुयी तो एमपी में कांग्रेस को बहुत बुरे दिन देखने पड़ेगा वही फिर 2024 के आम चुनाव भी है, यदि एमपी में कांग्रेस ने वापसी नहीं की तो उसका खामियाजा आम चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है।
इन्ही सब बातो के मद्देनज़र जानकारों का कहना है राजा को उन उम्मीदवारों की खोज है जिनके दम पर मैदान मारा जाए भले वो नाम नया हो। अब देखना होगा चाणक्य का मंसूबा कितना कारगर होता है।