उज्जैन। कालिदास संस्कृत अकादमी मप्र संस्कृति परिषद उज्जैन द्वारा 15 दिवसीय शास्त्रीय नृत्य प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ 30 अप्रैल को वरिष्ठ नृत्यगुरु संजीत गंगानी नई दिल्ली एवं पद्मजा रघुवंशी उज्जैन के मुख्य आतिथ्य में पं. सूर्यनारायण व्यास बहूद्देशीय सांस्कृतिक संकुल में हुआ।
यह जानकारी कार्यशाला प्रभारी डॉ. संदीप नागर ने देते हुए बताया कि अतिथियों का स्वागत करते हुए निदेशक डॉ. सन्तोष पण्ड्या ने कहा कि संस्कृति विभाग पारम्परिक, सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए कृतसंकल्प है। इसी क्रम में कथक नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में प्रतिभागियों का व्यक्तित्व विकास होगा और कला संस्कारों का पोषण होगा।
संजीत गंगानी ने कहा कि कथक एक विशिष्ट पारम्परिक नृत्य विधा है। हम इस शिविर में कथक की बारीकियों का प्रशिक्षण देंगे। पद्मजा रघुवंशी ने कहा कि उज्जैन नटराज शिव की नगरी है और कथक कार्यशाला का आयोजन प्रासंगिक है। कार्यशाला प्रभारी डॉ.संदीप नागर ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन अजय मेहता ने किया। इस अवसर पर लगभग 200 प्रतिभागी उपस्थित थे। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों द्वारा 14 मई को पं.सूर्यनारायण व्यास सांस्कृतिक संकुल हॉल में रंगारंग प्रस्तुति दी जायेगी।
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