उज्जैन। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग लगने की घटना के बाद अब मंदिर में रंग लाने पर बैन लगा दिया गया है। 29 मार्च को रंगपंचमी पर्व के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है।
कलेक्टर ने कहा- सुप्रीम कोर्ट से जारी गाइडलाइन के अनुसार ही पर्व मनाया जाएगा। इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा- महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति उत्सव के लिए टेसू (पलाश) के फूलों से बने हर्बल रंग उपलब्ध कराएगी।
रंगपंचमी पर केवल पंडे-पुजारी खेलेंगे प्रतीकात्मक होली
कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा- पुजारी-पुरोहित को भी गर्भगृह में रंगपंचमी पर प्रतीकात्मक रूप से होली खेलने की अनुमति होगी। परंपरा के अतिरिक्त ऐसी सामग्री का उपयोग नहीं किया जाएगा, जिससे नुकसान हो। इसके साथ ही, रंगपंचमी के दौरान भस्म आरती में भक्तों की संख्या को भी नियंत्रित किया जाएगा।
पहले जानिए, महाकाल मंदिर में हुआ क्या था?
सोमवार सुबह 5.49 बजे महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती की जा रही थी। उस दौरान हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। भक्त भगवान महाकाल के साथ होली खेल रहे थे। तभी आरती के दौरान सुबह 5.49 बजे अचानक आग भभक गई, जिससे मंदिर के पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए।
कलेक्टर ने कहा- नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा- जो भी मंदिर के नियम तोड़ेगा, उन पर कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में आने वाले लोगों को चेकिंग के बाद ही प्रवेश मिलेगा।
पुजारी बोले थे- प्रतीकात्मक होली की करेंगे मांग
इससे पहले, सोमवार को ही महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी ने बताया था कि प्रशासन से मांग रहेगी कि मंदिर में पुजारी ही प्रतीकात्मक होली खेलेंगे। साथ ही, आम भक्तों के मंदिर के अंदर कोई वस्तु लेकर आने, होली और रंगपंचमी खेलने पर प्रतिबंध लगाए।