भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार दोपहर प्रदेश के सभी जिलों में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए बनाए गए संपदा 2.0 साफ्टवेयर का शुभारंभ किया। इस नई व्यवस्था में रजिस्ट्री खरीदने के लिए घर बैठे ई पंजीयन किया जा सकेगा।
ई साइन और डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से रजिस्ट्री का काम हो सकेगा। प्रॉपर्टी खरीदने वाले को पता चल जाएगा कि उस प्रॉपर्टी पर कितना लोन बकाया है। इसके साथ ही प्रॉपर्टी की पहचान कस्टोडियम डिपार्टमेंट से कराई जा सकेगी।
इस दौरान वरिष्ठ जिला पंजीयक स्वप्नेश शर्मा ने दिल्ली में बैठे स्पेन की कंपनी के प्रतिनिधियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-रजिस्ट्रेशन प्रोसेस दिखाई। दिल्ली की एक 78 वर्षीय महिला की पावर आफ अटॉर्नी की प्रक्रिया वीसी से कराई गई।
मुख्यमंत्री यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कनवैंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में पंजीयन विभाग द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर संपदा -2.0 के ई-पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने की। सीएम यादव विभागीय अधिकारियों से संपदा-2.0 की विशेषताओं पर चर्चा करेंगे।
इस अवसर पर मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि दस्तावेजों के ऑनलाइन पंजीयन की कार्यवाही 9 साल से चल रही है। इसमें सुधार के लिए संपदा 2.0 लागू किया गया है। डिंडोरी, रतलाम गुना, हरदा में यह व्यवस्था लागू है और आज से पूरे प्रदेश में लागू हो गई है। मध्य प्रदेश देश का पहला प्रदेश है, जहां यह व्यवस्था लागू हो रही है। इसके लिए वह पूरी विभागीय टीम को बधाई है। पहले राजस्व और वित्त से इंटीग्रेशन था। लेकिन अब इसको जीएसटी, नगरीय विकास विभाग, आयकर विभाग, पंचायत विभाग तथा आधार से भी इसको इंटीग्रेटेड किया गया है। इस व्यवस्था में व्यक्ति खुद अपना स्लॉट बुक कर सकता है।
प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग अमित राठौर ने इस कार्यक्रम में कहा कि संपदा सॉफ्टवेयर के माध्यम से लगभग अभी तक 56 लाख से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है और पचास हजार करोड़ का राजस्व मिला है। सितंबर 2022 में अचल संपत्तियों के पंजीयन में संपदा की शुरुआत हुई है। सोशल मीडिया के माध्यम से कम्युनिकेशन की अपेक्षाएं जनता की बढ़ गई हैं।
बता दें कि सॉफ्टवेयर द्वारा प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन, लोन और अन्य दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा। अगर उस दस्तावेज पर लोन लिया गया होगा, तो उसकी जानकारी भी इसमें देखी जा सकेगी। साथ ही संपत्ति की पहचान कस्टोडियम डिपार्टमेंट से कराई जाएगी। पंजीयक की पहचान ई-केवाईसी के माध्यम से पूर्ण की जाएगी। इसमें घर बैठे पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग की सुविधा भी होगी।