पिपलिया मंडी। दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया। दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानि पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह महापर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौशनी से प्रकाशमय कर देता है।
दीपावली के इस पावन पर्व पर मल्हारगढ़ विधानसभा के पिपलियामंडी नगर में जनपद सदस्य प्रतिनिधि महेशचंद्र पाटिदार ने देर शाम महात्मा गांधी जी कि प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नगर में स्थित व्यापारियों एवं फुटपाथ विक्रेताओं का गुलाब का फुल भेंट कर इस दीपावली पर लोकल फॉर वॉकल के तरह खरीदारी करने कि अपील कि साथ ही मिडिया के माध्यम से उन्होंने इस अवसर पर बताया कि ऐसे उत्पाद जिसे दैनिक जीवन में थोड़े से बदलाव पर राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आप अपना योगदान दे सकते हैं रू- किसी ब्रांड को खरीदने से अच्छा है स्थानीय दुकान से सूखे आलू चिप्स खरीदे और उसे घर में तलें। भोजन के लिए किसी एप्प की बजाय स्थानीय कैफ़े या रेस्त्रां से भोजन ऑर्डर करें। अगर व्यवसाय मालिक हैं तो खुद का पोर्टल बना के या फिर मोबाइल से आर्डर लें। सुपरमार्केट की बजाय सड़क के किनारे बैठने या रेहड़ी वालों से सब्जी खरीदें। ब्रांड वाली दुकान में जाने की बजाय स्थानीय दुकान से लोकल जूते और चप्पल खरीदें। घर को सजाने वाली वस्तुओं को क्षेत्रीय हस्तशिल्पकारों से लें। लोकल ब्यूटिशन के पास जाएँ। उत्पादित पैकेट में बिक रहे चॉकलेट या मिठाई खरीदने से अच्छा स्थानीय मिठाई की दुकानों से ख़रीददारी करें। मनोरंजन के लिए स्थानीय केबल ऑपरेटरों की सेवाएं लें। बड़े बुटीक में शादी के लहंगे, शेरवानी खरीदने की जगह स्थानीय बुटीक और दर्जी को दर्जा दें। इलेक्ट्रॉनिक सामान स्थानीय डीलर से खरीदें ऑनलाइन आर्डर करने की बजाय।