चित्तौड़गढ़। सांसद और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने लोकसभा में चल रही संविधान पर चर्चा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता और संविधान, दोनों में से हमेशा सत्ता को प्राथमिकता दी है। संविधान की कॉपी पॉकेट में लेकर घूमते है।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तक का इतिहास रहा है कि उन्होंने एक बार नहीं, कई बार संविधान को तार-तार करने की कोशिश की है। जबकि मोदी सरकार ने हमेशा संविधान को सर माथे रखा है। इसके अलावा सांसद ने ष्वन नेशन, वन इलेक्शनष् को देश की उन्नति और प्रगति के लिए सही बताया।
बाबा साहब के हर जगह का डेवलपमेंट मोदी सरकार ने किया
भारत में संविधान पर कांग्रेस और भाजपा दोनों एक दूसरे पर हमले करते रहते हैं। जब कांग्रेस सत्ता में थी तब भाजपा उस पर संविधान तोड़ने का आरोप लगाती थी। अब कांग्रेस भाजपा पर यही आरोप चस्पा कर रही है। पिछले दो दिनों से भी लोकसभा में भारत के संविधान की गौरवशाली 75 साल की यात्रा पर चर्चा की जा रही है। इस ज्वलंत मुद्दे पर चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कांग्रेस ने सत्ता और संविधान, दोनों में से हमेशा सत्ता को प्राथमिकता दी है।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तक का इतिहास रहा है कि उन्होंने एक बार नहीं, कई बार संविधान को तार-तार करने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय जो बिल लाया गया था, उसे राहुल गांधी ने फाड़ दिया था। उनके मन में संविधान के प्रति कितनी श्रद्धा है यह सब समझ आता है। एक नहीं, दो नहीं, अनेक बार लगभग 90 बार, अभी तक सभी सरकारों को अपमानित करने का काम किया है। देश में इमरजेंसी आई तो उसके पीछे कारण कांग्रेस की सरकार थी। यह लोग पॉकेट में संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं। इन्होंने बाबा साहब का अपमान किया है। बाबा साहब का भारत रत्न को मिला था, फोटो पार्लियामेंट में लगा है।
उन्होंने कहा कि जन्मस्थली, शिक्षास्थली से लेकर बाबा साहब के सभी जगह का डेवलपमेंट मोदी सरकार में हुआ है। आज संविधान को पॉकेट में लेकर घूमते हैं, जबकि मोदी सरकार सर माथे पर लेकर घूमती है। हर तबके के विकास के लिए केंद्र सरकार लगी है। यह लोग संविधान पर चर्चा से भी यह कतरा रहे हैं। इसका मतलब साफ है इन्होंने हमेशा से ही संविधान को प्राथमिकता नहीं दी। संविधान का सम्मान नहीं किया। सत्ता को प्राथमिकता दिया, इसलिए देश की जनता कांग्रेस पार्टी का यह हाल किया है।
श्वन नेशन, वन इलेक्शनश् से देश पर आर्थिक भार नहीं पड़ेगा
सासंद जोशी ने श्वन नेशन-वन इलेक्शनश् के लिए कहा कि साल 1952, 1957, 1962 और 1967 चारों चुनाव श्वन नेशन-वन इलेक्शनश् के रूप में हुए। उसके बाद व्यवस्थाएं बदल गई है। जनता की मांग है कि इस देश में ष्वन नेशन, वन टैक्सष्, ष्वन नेशन, वन राशनष् हुआ है, वैसे ही ष्वन नेशन, वन इलेक्शनष् हो। ताकि देश पर आर्थिक बोझ ना बढे। अलग-अलग चुनाव होने से कई तरह की दिक्कतें आती है। आचार संहिता लगने पर कामों में, विकास कामों में बाधा उत्पन्न होती है। वैसे ही वन नेशन, वन इलेक्शन देश के उन्नति और प्रगति में मिल का पत्थर साबित होगा।