नीमच। शहर में मोहर्रम का पाक महीना पूरी अकीदत और एहतेराम के साथ मनाया जा रहा है। शिया दाऊदी बोहरा समाज पिछले आठ दिनों से लगातार इमाम हुसैन और शोहदा-ए-कर्बला की अज़ीमुश्शान शहादत को याद करते हुए वाअज़ और मजलिस का आयोजन कर रहा है। इन पवित्र आयोजनों में बड़ी संख्या में समाजजन मस्जिदों में पहुँच कर शहीदों की कुर्बानियों को याद कर रहे हैं।
बोहरा बाजार स्थित हुसामी मस्जिद में मुल्ला शब्बीर भाई मुल्ला नोमान अली साहब वाअज़ कर रहे हैं, जबकि बोहरा कॉलोनी की नजमी मस्जिद में शेख खोज़ेमा भाई शेख सैफुद्दीन कागल वाला साहब वाअज़ कर रहे हैं। इन वाअज़ों में कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन और उनके साथियों की बेमिसाल शहादत का भावपूर्ण वर्णन किया जा रहा है, जिससे उपस्थित अकीदतमंदों की आँखें नम हो रही हैं। रात के समय दोनों मस्जिदों में मजलिसों का आयोजन किया जाता है, जहाँ नोहे और मर्सिए पढ़े जाते हैं। इन मजलिसों में इमाम हुसैन और उनके परिवार की मुसीबतों को याद कर मातम-ए-हुसैन किया जा रहा है। यह मातम कर्बला के शहीदों के प्रति गहरे प्रेम और सम्मान को दर्शाता है। मोहर्रम के अशरा के इन मुबारक दिनों में, देश की तरक्की और खुशहाली के लिए विशेष दुआएं की जा रही हैं। साथ ही दाऊदी बोहरा समाज के 53वें धर्मगुरु डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की लंबी उम्र और सेहत के लिए भी सामूहिक दुआएं मांगी जा रही हैं। सामाजिक स्तर पर भी कई नेक काम किए जा रहे हैं। जगह-जगह सबीलें लगाई गई हैं, जहाँ अकीदतमंदों के लिए तबर्रुक, पानी और शरबत का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा, समाज द्वारा नियाज़ का आयोजन भी किया जा रहा है। ये सभी आयोजन मोहर्रम के पवित्र माहौल को और भी धार्मिक तथा मानवीय बना रहे हैं, जहाँ समाज के लोग एक साथ आकर इमाम हुसैन की याद में दुआएं और इबादत कर रहे हैं।