इंदौर। इस वर्ष नवरात्रि के पावन अवसर पर एक भव्य और अद्वितीय धार्मिक आयोजन का साक्षी बनने जा रहा है। 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में विशाल नवरात्रि महामहोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
शनिवार को आयोजन स्थल पर कृष्णगिरी पीठाधीश्वर पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरि महाराज के पावन करकमलों से भूमि पूजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिकों और भक्तगणों की उपस्थिति रही। इस 11 दिवसीय दिव्य आयोजन का मार्गदर्शन कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरि महाराज द्वारा किया जाएगा।
आयोजन की मुख्य विशेषताएं
- देवी भागवत कथा का भावपूर्ण पाठ और व्याख्यान।
- 1 करोड़ कुमकुम अर्चन, 1 करोड़ मंत्र जाप, 10 लाख हवन आहुतियां।
- प्रत्येक दिन विशेष पूजन, साधना, भजन संध्या और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां।
- 23 रूपों में मां दुर्गा और 12 ज्योतिर्लिंगों की भव्य झांकी।
- 11,000 स्वर्ण-लेपित अष्टलक्ष्मी कलशों को 1 करोड़ मंत्र जाप, 1 करोड़ कुमकुम अर्चन और 10 लाख आहुतियों से सिद्ध किया जाएगा।
11 हजार कलशों में रहेंगी दिव्य वस्तुएं
सभी 11,000 कलशों में से प्रत्येक कलश में महालक्ष्मी को आकर्षित करने के लिए विभिन्न थैलियों में दिव्य वस्तुएं रखी जाएंगी। इनमें शामिल होंगी दक्षिणावर्ती शंख, नव रत्न, 32 प्रकार के उपरत्न, 32 प्रकार के रत्न, दो दुर्लभ रुद्राक्ष, 999 शुद्धता वाला महालक्ष्मी मुद्रित 5 ग्राम का चांदी का सिक्का, पंचधातु (सोना, चांदी, तांबा, पीतल, कांसा), 154 प्रकार की दुर्लभ औषधियां और ऐसी कुल 451 दिव्य सामग्रियां होंगी।
108 इलेक्ट्रिक ऑटो दान और ₹300 करोड़ के हेल्थ इंश्योरेंस
आयोजन के दौरान पूरे नौ दिनों तक प्रतिदिन भोजन प्रसादी, बच्चों के लिए खेलकूद और संस्कार केंद्र, विशेष संत दर्शन एवं सेवा मंच के साथ हजारों स्वयंसेवकों की भागीदारी रहेगी। शनिवार को आचार्य वसंत विजयानंद गिरि महाराज ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से108 इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा निःशुल्क देने की घोषणा की ताकि वे सम्मानपूर्वक अपनी जीविका चला सके। साथ ही सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को सुरक्षित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 300 करोड़ रु. के हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज की घोषणा की गई।
300 क्विंटल शुद्ध मेवे और औषधियां
आयोजन में 300 क्विंटल शुद्ध मेवे और औषधियां, 20 क्विंटल पीले, सफेद लाल चंदनादि पवित्र वृक्षों की समिधाएं, 70 क्विंटल देशी गाय का घी, खजूर, किशमिश, आंवला जैसे दिव्य फल और दुर्लभ जड़ी-बूटियां और अन्य दिव्य सामग्री उपयोग में लाई जाएगी, जो अध्यात्म और भव्यता का अनुपम संगम बनाती है।