नीमच। आज नीमच की पावन धरा पर धर्म और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय प्रशमेशप्रभसुरीजी मसा एवं 10 अन्य पूज्य साधु-साध्वीजी भगवंतों का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश बड़े ही भक्तिमय और उल्लासपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। श्री भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर श्रीसंघ, नीमच के तत्वावधान में आयोजित इस पावन अवसर पर समूचा नगर श्रद्धा के रंग में सराबोर हो गया।सुबह की पहली किरण के साथ ही जैन समाज में उत्साह की लहर दौड़ गई। जैन भवन पर आयोजित नवकारसी में सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने पुण्यार्जन किया। इसके पश्चात, सुबह 9 बजे जैन भवन से एक भव्य सामैया जुलूस का शुभारंभ हुआ, जिसने नगर की सड़कों को धर्ममय बना दिया। "जय जिनेन्द्र", "जय गुरुदेव" और "अहिंसा परमो धर्मः" के जयघोष से नीमच के मार्ग गुंजायमान हो उठे।जुलूस वीरपार्क रोड, कमल चौक, नायका ओली और तिलक मार्ग से होते हुए ऐतिहासिक भीड़भंजन मंदिर तक पहुंचा, जहाँ से पुनः जैन भवन आकर एक विशाल धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। इस शोभायात्रा में उमड़ी जनसैलाब ने जिनशासन के प्रति अटूट श्रद्धा का परिचय दिया। छोटे बच्चे से लेकर वयोवृद्ध तक, सभी उत्साहपूर्वक इस पावन अवसर का हिस्सा बने।श्रीसंघ के सचिव मनीष कोठारी ने बताया कि आचार्य भगवंत श्री विजय प्रशमेशप्रभसुरीजी मसा के साथ पूज्य मुनि श्री विजय नीतिप्रभसुरीजी मसा एवं पूज्य साध्वीजी श्री श्रुतवर्धना श्रीजी मसा आदि ठाणा 6, और पूज्य साध्वीजी श्री विरतीप्रिया श्रीजी मसा आदि ठाणा 3 का चातुर्मास नीमच में होगा। कुल 11 साधु-साध्वीजी भगवंतों के मंगल प्रवेश से नीमच की धरती धन्य हो गई है।इस अवसर पर उपस्थित समाजजनों ने अपने गुरु भगवंतों के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।