उज्जैन। श्री मंगलनाथ मंदिर तराना पर आयोजित संगीतमय श्री मद भागवत कथा का वाचन व्यासपीठ हरिओम उपाध्याय के मुखारविंद से किया जा रहा है। कथा के छठे दिवस रूखमणी विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुवे। उपाध्याय ने बताया कि श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रूखमणी के साथ संपन्न हुवा लेकिन रूखमणी को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। कथा वाचक ने बताया कि रूखमणी स्वयं लक्ष्मी स्वरूप है वह नारायण से दूर नही रह सकती। विवाह प्रसंग सुनकर श्रोता भावमुग्ध हो उठे एवं श्रीकृष्ण लीलामृत के अमृतरस में जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुवा।इस अवसर पर मन्दिर पुजारी श्याम नागर द्वारा बाबा मंगलनाथ का विशेष श्रृंगार एवं पूजन अर्चन किया एवं छप्पन भोग लगाकर आरती की गई। कथा का आयोजन मंगलनाथ महिला भक्त मंडल द्वारा आयोजित की जा रही है जिसमे राधा बेन, संतोष वर्मा,मुन्ना दुबे,गोविन्द बाहेती,राजेश शर्मा गुरुजी, सोनू ठाकुर, लाला वर्मा, हरिओम उपाध्यय, पंडित पवन दुबे का सराहनीय योगदान रहा।