चित्तौड़गढ़। मेवाड़ के कृष्णधाम श्री सांवलिया सेठ मंदिर में इन दिनों भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। हर दिन अनुमान से कहीं ज्यादा श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। भक्तों की आस्था इतनी मजबूत है कि सांवरा सेठ के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोग दूर-दराज से आ रहे हैं।
सांवरा सेठ की ख्याति देशभर में फैल रही है और लोग बड़ी संख्या में मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं। ऐसे में मंदिर की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसे देखते हुए श्री सांवलिया जी मंदिर मंडल का नया बोर्ड लगातार व्यवस्थाओं पर विचार कर रहा है और उन्हें बेहतर बनाने के प्रयास में जुटा हुआ है।
हर दिन एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं मंदिर
मंदिर मंडल के अध्यक्ष हजारीदास वैष्णव ने बताया कि हर दिन करीब एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आ रहे हैं। वहीं कुछ खास अवसरों जैसे एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, न्यू ईयर, शनिवार और रविवार को यह संख्या तीन से चार लाख तक पहुंच जाती है। यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि प्रशासन और मंदिर मंडल जितना भी अनुमान लगाते हैं, भीड़ उससे कहीं ज्यादा पहुंचती है।
दूसरे धार्मिक स्थानों की व्यवस्थाओं पर होगा अध्ययन
हजारीदास वैष्णव ने बताया कि मंदिर में बढ़ती भीड़ को सही तरीके से संभालने के लिए मंदिर मंडल एक विशेष योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत देश के बड़े धार्मिक स्थलों जैसे तिरुपति बालाजी, अयोध्या नगरी और सोमनाथ मंदिर की व्यवस्थाओं का अध्ययन किया जाएगा। इन स्थलों की व्यवस्थाएं काफी अच्छी मानी जाती हैं, और मंदिर मंडल चाहता है कि सांवलिया जी मंदिर में भी वैसी ही सुविधा और अनुशासन हो।
व्यवस्था को कागजों में नहीं समझा जा सकता
इसके लिए मंदिर मंडल के पदाधिकारियों और स्थाई कर्मचारियों को इन तीर्थस्थलों पर भेजने पर विचार किया जा रहा है, ताकि वे वहां जाकर व्यवस्थाओं को देख और समझ सकें।
उन्होंने कहा कि सिर्फ कागजों में योजना बनाने से बात पूरी नहीं बनती, बल्कि जब कोई खुद अपनी आंखों से व्यवस्थाओं को देखता है, तो उसे असली अनुभव होता है और वह यहां बेहतर तरीके से काम कर सकता है।
अनुमान हो रहे फेल, सही व्यवस्थाओं पर जुटा मंदिर मंडल
अध्यक्ष वैष्णव ने बताया कि जब रविवार को करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था, तब अचानक तीन से चार लाख लोग पहुंच गए।
हम जितने भी व्यवस्थाएं कर ले, सांवरा सेठ के लिए भक्तों के प्रेम के आगे सब फेल होते जा रहे हैं। जिला कलेक्टर हो, एसपी हो या एडीएम सब की कोशिश रहेगी की अच्छी से अच्छी व्यवस्था हो।
हर सुझाव पर विचार करेगा मंदिर मंडल
मंदिर मंडल अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति, समाज या संगठन मंदिर की व्यवस्था को लेकर कोई सुझाव देता है तो उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उनका कहना है कि जो भी सुझाव भक्तों की सुविधा से जुड़ा हो, मंदिर मंडल उसे नकारेगा नहीं, बल्कि उस पर अध्ययन करेगा और यदि संभव हुआ तो उसे लागू भी किया जाएगा।
जल्द लगेंगे साइन बोर्ड, मिलेगा मार्गदर्शन
मंदिर मंडल की योजना है कि मंदिर में जल्द ही एरो लगे साइन बोर्ड लगाए जाएं। इससे श्रद्धालुओं को यह जानकारी मिल सकेगी कि दर्शन के लिए कहां जाना है, पार्किंग कहां करनी है और प्रसाद कहां से लेना है। इससे भीड़ को नियंत्रित करने में आसानी होगी और श्रद्धालुओं को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। इसके अलावा जूते रखने की भी एक व्यवस्था की जाएगी। जूता रखने की अभी कोई प्रॉपर जगह नहीं है।
क्लॉक रूम बनाने की करेंगे तैयारी
एक अन्य बड़ी योजना के तहत मंदिर मंडल जल्द ही क्लॉक रूम सेवा शुरू करेगा। यहां श्रद्धालु अपने मोबाइल फोन, पर्स और अन्य सामान सुरक्षित जमा करा सकेंगे। इससे मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर होगी और श्रद्धालु भी निश्चिंत होकर दर्शन कर सकेंगे। अध्यक्ष वैष्णव ने बताया कि आज भी मंदिर में हम फोन और सामान ले जाने के लिए प्रतिबंध लगा सकते हैं लेकिन इसके लिए हमारे पास कोई भी क्लॉक रूम नहीं है। ऐसे में भक्तों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है जो कि हम नहीं चाहते हैं।
पुरानी व्यवस्थाओं का भी हो रहा अध्ययन
चूंकि मंदिर मंडल का नया बोर्ड हाल ही में बना है, इसलिए पहले चरण में पुरानी व्यवस्थाओं का गहन अध्ययन किया जा रहा है। मंदिर मंडल यह समझने की कोशिश कर रहा है कि पहले की व्यवस्थाएं किस तरह से चल रही थीं और उन्हें बेहतर तरीके से कैसे लागू किया जा सकता है।
नए प्रोजेक्ट्स पर भी करेंगे काम
पुरानी व्यवस्थाओं को सुधारने के साथ-साथ मंदिर मंडल की योजना है कि जल्द ही कुछ नए प्रोजेक्ट्स भी शुरू की जाएं। हालांकि, इन योजनाओं को जमीन पर उतारने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन मंदिर मंडल पूरी तरह से इसमें जुटा हुआ है।
भक्तों की आस्था के आगे सभी अनुमान छोटे पड़ गए
अध्यक्ष वैष्णव ने कहा कि भक्तों का प्यार और श्रद्धा इतनी गहरी है कि हर बार सभी अनुमान गलत साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, हम लाखों की भीड़ को संभालने की तैयारी करते हैं, लेकिन सांवरा सेठ अपने भक्तों को ऐसे बुलाते हैं कि हमें हर बार नए सिरे से सोचना पड़ता है।