डेस्क। सिंहासन चाहे वो देश का हो या किसी भी प्रदेश का उस तक पहुँचने के लिए लोग किसी भी हद तक गुजर जाते है। इस गद्दी पर बैठने के लिए स्वतन्त्र भारत में लोकतंत्र के जरिए बैठा जा सकता है। जिसके लिए निर्वाचन आयोग द्वारा हर पांच साल में चुनाव करवाए जाते है। इन चुनावो में राजनीतिक दल, आम जनता जो कि नीति निर्धारित होती है उसको लुभाने के लिए कई हथकंडे अपनाती है। पार्टियां कई ऐसी घोषणाएँ करती है जो लाभदायक होती है और कई ऐसी फ्री की घोषणाएँ जो दिखती तो फ्री हैं लेकिन घूम फिरकर उसका हर्जाना जनता को ही भुगतना पड़ता है।
मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। मुख्य राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सत्ता के लिए लगातार चुनावी लॉलीपॉप जनता को बाँट रही है। जहाँ भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए सीएम शिवराज लाड़ली बहना योजना, बेरोजगारों को भत्ता, भूमिहीनों को पट्टे सहित कई घोषणाएँ कर रहे है। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम कमलनाथ भी घोषणाओं में कम नहीं पड़ रहे है। शिवराज की हर योजना पर काउंटर अटैक करते हुए दिख रहे है। कमलनाथ द्वारा नारी सम्मान योजना के तहत हर महिला को 1500 रूपए और घरेलु सिलेंडर 500 रूपए जैसी चुनावी वादों का प्रलोभन भी प्रदेश की जनता को दिया जा रहा है। हाल ही में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने घोषणा की है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही घरेलु बिलों में 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ़ होगी और 200 यूनिट तक बिजली बिल हाफ होगी।
इस तरह की घोषणाओं से जनता नेताओं के चक्कर में तो आ जाती है लेकिन घुमा फिराकर इन मुफ्त की योजनाओं का बोझ उनके ही सर पर आता है। टैक्स के रूप में सरकार जनता से ही ये पैसा वसूल करती है। फ्री की योजनाओं के कारण टैक्स में बढ़ोत्तरी होती है, जिसके कारण वस्तुओं के दाम बढ़ते है और महंगाई बढ़ती है।
ऐसी ही योजनाओं को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जबरदस्त रूप से वायरल हो रही है। आप खुद पढिये और इन फ्री की योजनाओं के बारे में सोचिए-
दाढ़ी मात्र 10 रूपए-
विद्युत वितरण कंपनी में सेवारत एक अधिकारी दाढ़ी बनवाने एक सैलून में गये और सैलून में लगे बोर्ड को पढ़ने लगे....
दाढ़ी- 10 रूपए
ब्लेड अधिभार- 2 रूपए
उस्तरा भाड़ा- 3 रूपए
क्रीम- 5 रूपए
कैंची भाड़ा- 3 रूपए
कुर्सी भाड़ा- 10 रूपए
लोशन- 7 रूपए
पाउडर- 5 रूपए
नॅपकिन भाड़ा- 5 रूपए
योग- 50 रूपए
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बोर्ड पढ़कर अधिकारी बोले- तुम तो कमाल करते हो यार...! दाढ़ी मात्र 10 रुपये लिखकर अन्य दूसरे छुपे खर्चे जोड़कर ग्राहकों को लूटते हो...??
सैलून स्वामी ने कहा- मेरे द्वारा इस बोर्ड पर शुद्ध हिन्दी में और सुपाठ्य बड़े अक्षरों में स्पष्ट लिखने से मेरे काम पर टिप्पणी कर रहे हो साहब...? और आपकी महावितरण कंपनी में सालों से उपभोक्ताओं के साथ महाछल जारी है उसका क्या...?
स्थायी प्रभार
विद्युत प्रभार
विद्युत वहन प्रभार
ईंधन समायोजन प्रभार
विद्युत शुल्क
विद्युत बिक्री कर,
ब्याज,
अन्य प्रभार,
चालू विद्युत देयक,
पूर्व बकाया,
समायोजित राशि,
बकाया ब्याज राशि,
कुल बकाया राशि,
कुल देयक राशि,
पूर्णांक देयक...
अब आप ही बतायें.... ऐसे विद्युत बिल पर आज तक कितने लोगों ने आपत्ति जताई ...?
फिर.....महावितरण अधिकारी बिना दाढ़ी बनवाये ही लौट गये...।