डेस्क। आज देश में बड़े ही धूमधाम के साथ दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा हैं। इस बार दीपावली बहुत ही शुभ योग में मनाई जा रही हैं। दिवाली पर 5 तरह के राजयोगों का निर्माण होगा इसलिए इस बार की दिवाली बहुत ही खास रहने वाली है। दिवाली पर घरों में दीये जलाने और रोशनी करने करने का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा दिवाली की शाम और रात के प्रहर में मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार और मां लक्ष्मी की पूजा कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल और स्थिर लग्न किया जाता है। इस बार दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजन के लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेगा।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिवाली का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 02:44 बजे से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन यानी 13 नवंबर, सोमवार को दोपहर 02:56 बजे खत्म होगी। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा अमावस्या तिथि के प्रदोष काल में मनाई जाती है। इस कारण से 12 नवंबर को प्रदोष काल में लक्ष्मी-गणेशजी की पूजा होगी। प्रतिष्ठान में पूजा का मुहूर्त सुबह 09.17 बजे से शुरू होगा जो दिनभर चलेगा।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त-
इस वर्ष 12 नवंबर को दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा के लिए 2 शुभ मुहूर्त होंगे। पहला शुभ मुहूर्त शाम के समय यानी प्रदोष काल में मिलेगा जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त निशिथ काल में होगा।
प्रदोष काल का मुहूर्त-
प्रदोष काल 12 नवंबर 2023- सायंकाल 05.11 से 07.39 बजे तक
वृषभ काल (स्थिर लग्न)- 05.22 बजे से 07.19 बजे तक
निशीथ काल का शुभ पूजा मुहूर्त-
दिवाली का रात को महालक्ष्मी पूजा के लिए यह निशीथ काल मुहूर्त भी अच्छा माना जाता है। निशीथ काल का मुहूर्त 11.39 बजे से रात्रि 12.30 बजे तक रहेगा। जिसकी अवधि लगभग 52 मिनट की होगी।
इसके अलावा इस बार दिवाली पर आयुष्मान और सौभाग्य योग भी बन रहा है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सौभाग्य योग को बहुत ही शुभ और मंगलकारी योग माना जाता है। इस योग में दिवाली पूजा और शुभ कार्य करने पर भाग्य में वृद्धि और सुख-समृद्धि आती है।
सौभाग्य योग- 12 नवंबर को शाम- 04 बजकर 25 मिनट से 13 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक।
आयुष्मान योग-12 नवंबर को सुबह से शाम 04 बजकर 25 मिनट तक।