इंदौर। हुकमचंद मिल के हजारों मजदूर एक बार फिर संकट में हैं। इनकी चिंता है कि 28 नवंबर तक चुनाव आयोग ने शासन को मजदूरों के भुगतान की अनुमति नहीं दी तो नगर निगम, मजदूरों और अन्य देनदारों के बीच हुआ समझौता निरस्त हो जाएगा। ऐसा हुआ तो 32 वर्ष से अपने हक के लिए भटक रहे मजदूरों को इंतजार और लंबा हो जाएगा।
रविवार को हुकमचंद मिल मजदूरों की 1645वीं बैठक हुई। मिल के मुख्य द्वार पर जमा मजदूरों के चेहरे पर चिंता स्पष्ट नजर आ रही थी। संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेंद्र श्रीवंश ने बताया कि 20 अक्टूबर को मप्र गृह निर्माण मंडल, नगर निगम, मजदूर संघ और अन्य के बीच हुए समझौते के बाद उम्मीद थी कि इस वर्ष दीपावली खुशी भरी होगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मंडल ने मजदूरों के भुगतान का पैसा जमा ही नहीं कराया।