इंदौर। शहर में देवउठनी एकादशी के साथ शहनाइयों की धुन सुनाई देना शुरू हो जाएगी। लगभग चार महीने बाद यानी 23 नवंबर से शहर में फिर से बैंड बाजे के साथ शामियाने निकलते दिखाई देंगे। इंदौर सहित आसपास के क्षेत्रों में करीब 4 हजार जोड़े आज परिणय सूत्र में बंधेंगे।
हिंदू पंचांग के मुताबिक धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु देवउठनी के दिन 4 महीने आराम करने के बाद उठते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन माता तुलसी के विवाह का आयोजन भी किया जाता है। फिर इसी दिन से शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त और मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं।
आज से शुरू हो रहे मांगलिक कार्यक्रमों के लिए शहर के हलवाई, बैंड-बाजे, डीजे, घोड़ी, टेंट, लाइटिंग का काम करने वाले कई महीने पहले से तैयारियों में जुटे थे। दीपोत्सव पर्व के बाद सराफा और लाइटिंग सजावट करने वाले व्यापारियों का व्यापार वैवाहिक सीजन में अच्छा व्यापार चलने की उम्मीद है। इसके अलावा कपड़ा बाजार में भी अच्छी खासी ग्राहकी हो रही है।
इस साल अगर देखा जो तो दुल्हन के मेकअप सहित प्री-वेडिंग से लेकर खाने के मेनू में पारंम्परिक बदलाव आया है। साक्षी मेकओवर सैलून की संचालिका साक्षी ताम्रकार दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए कहती हैं कि कई वर्षों से चल रहे मेकअप ट्रेंड में इस साल बदलाव आया है।
पहले तो सिर्फ दूल्हा-दुल्हन ही मेकअक कराते थे, लेकिन इस साल घर के अन्य सदस्यों में भी मेकअप को लेकर काफी उत्साह है। सगाई से लेकर शादी तक के मेकअप पैकेज ले रहे हैं। कई कस्टमर ऐसे हैं जो लगभग तीन महीने पहले से बुकिंग करा चुके हैं।