रतलाम। देवप्रबोधिनी (देवउठनी) एकादशी का पर्व गुरुवार को है। देव उठने के बाद मांगलिक कार्यक्रम के साथ ही शादियां होना शुरू हो जाएंगी। शहर में श्री मेवाड़ा प्रजापति समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन होगा। बांगरोद स्थित श्री बर्बरीक श्याम मंदिर पर बाबा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
एकादशी बुधवार रात 11.05 बजे से शुरू हो गई है, जो गुरुवार रात 9.04 बजे तक रहेगी। देवप्रबोधिनी एकादशी, तुलसी विवाह के साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग की संयुक्त युक्ति निर्मित हो रही है। 29 जून देवशयनी एकादशी से शुरू होकर चातुर्मास व्रत नियम 23 नवंबर को पूर्ण हो रहे हैं। इस अवधि में रुके हुए विवाह, यज्ञोपवीत, सात्विक, देव प्रतिष्ठा आदि मांगलिक कार्यों का गुरुवार से श्रीगणेश होगा। इसी दिन अधिकांश परिवारों द्वारा तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है। भगवान शालिग्राम की मूर्ति का सिंहासन हाथ में लेकर तुलसी जी के साथ परिक्रमा कराई जाती है और आरती के बाद विवाह उत्सव मनाया जाता है।
रंगोली बनाने वाली बालिका-महिलाओं का सम्मान होगा
माणक चौक स्थित श्री गोपालजी का बड़ा मंदिर में देवउठनीएकादशी पर देव दिवाली मनाई जाएगी। महिला मंडल द्वारा शाम4 से 6 बजे तक रंगोली बनाई जाएगी और शाम 6 बजे से1111 दीपक लगाकर आतिशबाजी की जाएगी। रात 9 बजे रंगोली बनाने वाली बालिका व महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। न्यास अध्यक्ष मनोहर पोरवाल व सचिव महेश व्यास नेबताया कि भक्त-परिवार प्रत्येक घर से 11 दीपक लेकर आएंगे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने कीअपील की।
बर्बरीक श्याम मंदिर में महाप्रसादी भी
देवउठनी एकादशी पर बाबा श्याम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। बांगरोद स्थित श्री बर्बरीक श्याम मंदिर पर कई धार्मिक कार्यक्रम होंगे। बाबा का दिव्य शृंगार के साथ सुबह 5 बजे से ज्योत दर्शन, आरती, 56 भोग व महाप्रसादी होगी। दोपहर 3 बजे बाबा की शाही सवारी (पालकी) निकाली जाएगी, जो पूरे नगर का भ्रमण करेंगी। रात में भजन संध्या होगी। 10.30 बजे महाआरती होगी और उसके पहले आतिशबाजी की जाएगी।