इंदौर। शहर में पेट्रोल डालकर जलाई गई बीएम फार्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा (55) की शनिवार सुबह पौने 4 बजे मौत हो गई। शव का पोस्टमॉर्टम जिला अस्पताल में किया गया। यहां से परिजन शव को लेकर उनके आनंद नगर स्थित घर पहुंचे। घर के बाहर परिजन, रिश्तेदार और स्टूडेंट्स पहले से जमा थे। विमुक्ता को रीजनल पार्क मुक्तिधाम में बेटी वेदांशी और पति मनोज शर्मा ने मुखाग्नि दी।
प्रिंसिपल शर्मा पिछले पांच दिन से चोइथराम अस्पताल में भर्ती थीं। उन पर एक पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने कॉलेज कैम्पस में हमला किया था। वह मार्कशीट नहीं मिलने और एक प्रोफेसर द्वारा चाकूबाजी का केस दर्ज कराए जाने से कॉलेज मैनेजमेंट से नाराज था। कलेक्टर ने आरोपी छात्र के खिलाफ रासुका भी लगा दी है।
पुलिस को मिले घटना के साक्षी-
जांच के दौरान पुलिस को आग लगाए जाने की घटना से जुड़े चार साक्षी मिले हैं। इनमें से एक के बयान करवाए हैं। पुलिस को आरोपी का एक दिन का रिमांड मिला था, उसे आज फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा। सिमरोल टीआई आरएन भदौरिया ने बताया कि आरोपी आशुतोष ने जिस पंप से बाइक में पेट्रोल डलवाया था, उसके मालिक और तेजाजी नगर के जनरल स्टोर संचालक, जिनसे बाल्टी खरीदी थी, उनके बयान भी लिए गए हैं। वहीं, घटना के चश्मदीद गवाह इलेक्ट्रिशियन सुनील खैर ने बताया आशुतोष ने बाल्टी भरकर पेट्रोल मैडम के ऊपर डाला था।
आरोपी को फांसी की सजा दिलाएंगे - इंदौर ग्रामीण एसपी
डॉ. विमुक्ता शर्मा की मौत के बाद आरोपी के खिलाफ हत्या की धाराएं भी बढ़ा दी गई हैं। ग्रामीण एसपी भगवतसिंह बिरदे ने कहा कि, हम एक-एक कड़ी जोड़कर बारीकी से इस पूरे केस की पड़ताल और जांच रिपोर्ट बना रहे हैं। आरोपी बेहद शातिर और आपराधिक प्रवृत्ति का है। हम उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाने का न केवल प्रयास करेंगे, बल्कि उससे कम सजा पर मानेंगे भी नहीं। माननीय न्यायालय के समक्ष हम मजबूती से केस को रखेंगे, जिससे आरोपी को निश्चित रूप से फांसी की सजा मिले।
इस केस में लापरवाही करने वाले एक एएसआई को निलंबित कर चुके हैं। अभी एडिशनल एसपी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। अगर थाना प्रभारी या किसी भी अन्य पुलिसकर्मी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। दूसरी ओर पूरी जांच रिपोर्ट बनने के बाद कॉलेज प्रबंधन की व्यवस्थाओं को लेकर भी प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपेंगे।